शनिवार, 8 जनवरी 2011

अब तक नहीं सुलझी विधायक हत्याकांड की पहेली

पूर्णिया के विधायक राजकिशोर केसरी हत्याकांड की पूरी गुत्थी घटना के पांच दिनों बाद भी नहीं सुलझ पायी है। भले ही पुलिस ने विधायक हत्याकांड में शामिल दोनों नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हो मगर यह सवाल आज भी अनुत्तरित बना हुआ है की रूपम पाठक ने चार जनवरी को ही इस घटना को अंजाम क्यों दिया। पुलिस यह तो कह रही है कि रूपम पाठक ने इस हत्या की घटना को अंजाम दिया लेकिन किन कारणों से तथा इस हत्या के घटना के तात्कालिक कारण क्या थे इस सवाल पर वह भी कुछ बताने से बच रही है। इस मामले में सबसे अहम सवाल यह है कि रूपम पाठक चार जनवरी को दिन के लगभग नौ बजे अपने पर्स में चाकू छिपाकर तथा शाल ओढ़कर पहुंचती है तथा विधायक को पास में बुलाकर चाकू मारकर उनकी हत्या कर देती है। हत्या करने के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा रूपम पाठक की जमकर पिटाई की जाती है तथा इसके बाद पुलिस अपने कब्जे में उन्हें ले लेती है। इस मामले की जांच में लगे पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वे विधायक के हत्या के मामले को देख रहे हैं। सवाल है की हत्या करने वाली महिला जब रूपम पाठक गिरफ्तार ही कर ली गयी तथा इसके बाद इसमें शामिल नवलेश पाठक भी पकड़ ही लिये गये। पुलिस ने रूपम पाठक के उस वाहन को भी जब्त कर ही लिया जिस पर सवार होकर वह विधायक के आवास पर पहुंची मगर घटना का तात्कालिक कारण क्या था यह सवाल अब भी बना हुआ है। जबकि विधायक हत्या मामले में गिरफ्तार रूपम पाठक अपने बयान में बार- बार इस बात को दुहराती रही की विधायक के सहयोगी विपीन राय ने उसका जीना हराम कर दिया था। रूपम ने पुलिस अधिकारियों को यह भी बताया की उसको विपीन बार- बार ब्लैक मेल किया करता था। फिर भी पुलिस ने अभी तक विपीन को पूछताछ के लिये छुआ तक नहीं है।

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