गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

हैपी न्यू ईयर की तैयारी में जुटे लोग

नया साल 2011 और बीत रहे वर्ष 2010 के बीच अब सिर्फ एक दिन का फासला रह गया है। नव वर्ष द्वार खटखटा रहा है और इसके साथ ही उसके स्वागत की तैयारियों में लोग जुट गये हैं। सभी अपने-अपने ढंग से नये साल की अगवानी करेंगे। युवाओं ने जहां 31 दिसंबर की आधी रात को आतिशबाजी करने और पहली जनवरी को पिकनिक मनाने की योजना बना रखी है। इसके मद्देनजर गुरुवार से ही बाजार में लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है तो दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों को सजा-संवार लिया है। गीतों की धुन पर ठुमका लगाने की व्यवस्था भी की गयी है। नव वर्ष पर तफरीह के साथ होटलों में लजीज व्यंजनों का स्वाद लेने में भी युवाओं की टोलियां आगे रहेंगी तो बहुतेरे साल के पहले दिन देवी-देवताओं के मंदिर में सिर झुका कर आने वाले दिनों के सुखद व शुभ होने का आशीष मांगेंगे। उधर, नये साल के स्वागत में गुजरने वाले साल की प्रमुख घटनाओं को याद करते हुए गीत-संगीत से लबरेज विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करने की तैयारी में है। वहीं आमजन टीवी चैनलों पर आने वाले विशेष कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बैटरी चार्ज कराने में लगे रहे और इंवर्टर का उपयोग हिसाब से करने को सचेष्ट रहे कि अगर बिजली नहीं भी रही तो वे कार्यक्रमों का लुत्फ उठाने से वंचित नहीं रह जायें।

घट रहा ग्रीटिंग कार्ड का क्रेज

ग्रीटिंग कार्ड का क्रेज घट रहा है। इस ओर से लोगों का आकर्षण घटा है। आर्थिक दृष्टि से संपन्न तबके ने तो जैसे पूरी तरह किनारा ही कर लिया है। मध्यम आय वर्ग के लोग अभी भी ग्रीटिंग कार्ड खरीद और अपने सगे-संबंधियों को भेज रहे हैं। इस साल आने वाले नव वर्ष 2011 के स्वागत के लिए बाजार में उतरे ग्रीटिंग कार्ड की बिक्री ऐसा ही कह रही है। कार्ड का व्यवसाय करने वालों का मानना है कि संचार क्रांति ने सभी की जेब में मोबाइल पहुंचा दी है और इसके कारण अब लोग एसएमएस भेज कर नये साल की बधाई देने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। शहर में कार्ड की दुकान चलाने वाले बिनोद कुमार कहते हैं कि इसके अलावा महंगाई ने भी इस धंधे को प्रभावित किया है। कार्ड का रेट बढ़ना भी एक बड़ी वजह है। पहले जो कार्ड 30 से 35 रुपये में मिल रहे थे वे अब 50 रुपये में मिल रहे हैं। पहले 5-6 रुपये में भी कार्ड मिल जाता था जो बंद हो गये हैं। यही कारण है कि पिछले साल की तुलना में इस बार कम ग्राहक आये हैं। उनके यहां 15 से 195 रुपये तक के कार्ड हैं। इसमें कम कीमत के खरीदार ही ज्यादा हैं। कम दाम के कटिंग कार्ड की तरफ लोगों को आकर्षण ज्यादा है। हालात ऐसे बन आये हैं कि ग्रीटिंग कार्ड की कई कंपनियों ने इससे खुद को किनारे कर लिया है। आईटीसी, हॉल मार्क, हॉल मैक्स सरीखी बड़ी कंपनियों के कार्ड अब आते नहीं। नया साल आने में अब सिर्फ एक दिन शेष रह गये हैं जो बिकना था सो बिक चुका। अब अगले साल की आशा है। शहर में कार्ड की गिनी-चुनी दुकानें ही हैं।

बुधवार, 24 नवंबर 2010

बिहार में फिर नीतीश राज

बिहार में विकास की प्रबल जनाकांक्षा ने जाति और धर्म की बाड़ को काफी हद तक तोड़ दिया और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू-भाजपा गठबंधन को विधानसभा चुनाव में तीन चौथाई बहुमत मिलता दिखाई पड़ रहा है। अब तक घोषित परिणामों में से 175 सीटें गठबंधन के पक्ष मे जा चुकी हैं और करीब 40 पर आगे है। पिछले चुनावों में उसे राज्य की 243 में से 143 सीटें मिली थीं।

लालू प्रसाद के राजद और उनके गठबंधन सहयोगी रामविलास पासवान की लोजपा की सीटें पहले की 64 की तुलना में आधी भी बचती हुई नजर नहीं आ रही हैं। अपना सूपड़ा साफ करने वाले इन चुनाव परिणामों को राजग-लोजपा गठबंधन ने ‘रहस्यमयी’ बताते हुए संशय खड़ा किया है।

चुनाव परिणाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देने वालों में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह भी शामिल हैं, वहीं लालू प्रसाद ने नीतीश को बधाई दी पर कहा कि मैं भाजपा को बधाई नहीं दूँगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन सरकार शुक्रवार को शपथ ग्रहण के साथ अपनी दूसरी पारी शुरू करेगी।

राजद-लोजपा गठबंधन के कई धुरंधर चुनावी समर में धराशायी हुए। यहाँ तक कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ीदेवी सोनपुर और राघोपुर सीट चुनाव हार गई हैं। पासवान के भाई रामचंद्र पासवान कुशेश्वरस्थान क्षेत्र से पाँच हजार से ज्यादा मतों से परास्त हुए।

अब तक के नतीजों के अनुसार सत्तारूढ़ राजग ने विपक्षी दलों को हाशिए पर धकेल दिया है और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी राजद लोजपा गठबंधन को सिर्फ 18 सीटें मिली हैं तथा नौ अन्य सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। राजद लोजपा गठबंधन को पिछली बार 64 सीटें थीं।

कांग्रेस के लिए भी चुनावों में जोरदार झटका लगा है। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, संप्रग और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी एवं महासचिव राहुल गाँधी के प्रयासों के बावजूद उसे पिछली बार नौ सीटों की तुलना में अब तक सिर्फ चार सीटों पर ही जीत मिली है और एक पर वह आगे है। यहाँ तक कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर सिमरी बख्तियारपुर से 18 हजार से ज्यादा मतों से मात खा गए। भाकपा को एक सीट पर विजयश्री नसीब हुई है।

चुनावी नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि वे वह इसे अपनी या अपने गठबंधन की जीत के तौर पर नहीं लेते बल्कि यह बिहार के लोगों की जीत है।

चुनावों के नतीजों के बाद जहाँ जदयू एवं भाजपा के स्थानीय एवं दिल्ली स्थित कार्यालयों में जश्न का माहौल था, वहीं राजद और कांग्रेस सहित कई दलों के कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ था। राजद के खेमे में पूरी तरह वीरानगी नजर आई और इक्का-दुक्का लोग ही वहाँ दिख रहे थे। नतीजों से जदयू एवं भाजपा के नेता उत्साहित दिखे और उनके चेहरों पर खुशी साफ दिख रही थी।

राजग को मिली अभूतपूर्व सफलता से प्रसन्न जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि चुनाव का यह नतीजा राज्य में पिछले पाँच सालों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा लागू किए गए सामाजिक, आर्थिक विकास कार्यक्रमों का नतीजा है।

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि चुनाव परिणाम 21वीं सदी में भारतीय राजनीति की दिशा तय करेंगे। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की राजनीति प्रगति और विकास की राजनीति होगी, जहाँ जाति आधारित राजनीति का कोई स्थान नहीं होगा।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि यह अभूतपूर्व जीत है। हमें उम्मीद है कि पूरा देश अब बिहार का अनुसरण करेगा। भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि चुनाव परिणामों ने जाहिर किया है कि बिहार की राजनीति बदली है और ‘परिवार या करिश्मा’ से चुनाव नहीं जीता जा सकता।

जदयू नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि चुनाव में जीत का श्रेय निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है क्योंकि वे राज्य में गठबंधन के नेता हैं।

गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बिहार में विकास के सवाल को जनता ने स्वीकार किया है। हम सब खुश हैं। हम नीतीश कुमार के साथ जदयू और भाजपा दोनों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देते हैं।

कांग्रेस महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी मुकुल वासनिक ने चुनाव परिणामों को पार्टी की अपेक्षा के प्रतिकूल बताया और पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदारी स्वीकार की।

इस बीच प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रत्याशी राबड़ी देवी सोनपुर और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से पराजित हो गईं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में जदयू के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार से हार गए, जबकि कांग्रेस के चर्चित नेता सदानंदसिंह कहलगाँव से विजयी हुए हैं।

मंगलवार, 9 नवंबर 2010

पाँचवें दौर का मतदान जारी

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच पाँचवें दौर का मतदान शुरू हो गया। माओवादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान के बीच पाँचवें चरण में आठ जिलों के 35 निर्वाचन केंद्रों में मतदान हो रहा है। पाँचवें दौर में लगभग 81.26 लाख मतदाता 44 महिलाओं सहित 490 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

आज जिन 35 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें शेखपुरा जिले की दो विधानसभा सीटें, नालंदा की सात सीटें, पटना की चार, भोजपुर की सात, अरवल की दो, जहानाबाद की तीन सीटें, गया और नावादा जिले की पाँच-पाँच सीटें शामिल हैं।

इन 35 सीटों में शेखपुरा जिले की बरबीघा एवं शेखपुरा, नालंदा की आस्थावाँ, बिहारशरीफ, राजगीर (अजा), इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा एवं हरनौत, पटना की फुलवारी (अजा), मसौढी (अजा), पालीगंज एवं विक्रम, भोजपुर की संदेश, बरहरा, आरा, अगिआवं (अजा), तरारी, जगदीशपुर एवं शाहपुर शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त जिन अन्य विधानसभा सीटों पर आज मतदान जारी है उनमें अवरल जिले की कुर्था एवं अरवल सीट, जहानाबाद जिला की घोसी, जहानाबाद एवं मखदुमपुर (अजा) सीट, गया जिले की बोधगया (अजा), गया शहर, बेलागंज, अतरी एवं वजीरगंज सीट तथा नवादा जिले की हिसुआ, नवादा, गोविंदपुर, रजौली (अजा) एवं वारसलीगंज शामिल हैं।

बिहार के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने चुनाव को लेकर पुख्ता और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था का दावा करते हुए कहा कि कल के नक्सली बंद का मतदान पर प्रभाव न पड़े इसे लेकर उग्रवाद प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं।

उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष ढंग से मतदान संपन्न कराए जाने के लिए बिहार सैन्यबल के अपर पुलिस महानिदेशक एसी वर्मा, पटना के पुलिस महानिरीक्षक बी श्रीनिवासन तथा नौगछिया के पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार गया में मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

नीलमणि ने बताया कि इन 35 विधानसभा सीटों में से उग्रवाद प्रभावित 17 विधानसभा क्षेत्रों के हर मतदान केंद्र पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है जबकि बाकी अन्य मतदान केंद्रों में से 85 प्रतिशत पर अर्धसैनिक बलों की तथा अन्य मतदान केंद्रों पर बिहार सैन्य बल सहित दूसरे सशस्त्र बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई।

उन्होंने बताया कि पटना, भोजपुर, गया और नवादा में बीएसएफ और वायुसेना के कुल चार हेलीकाप्टरों के जरिए मतदान प्रक्रिया पर सतत निगरानी रखी जा रही है तथा नक्सल प्रभावित इलाकों पर नजर रखने के लिए सैटेलाइट फोन के साथ बुलेटप्रूफ तथा बारूदी सुरंग रोधी वाहनों की व्यवस्था की गई है।

नीलमणि ने मतदाताओं से निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील करते हुए कहा कि मतदान के दौरान गड़बड़ी फैलाने वालों और मतदाताओं को उनके मताधिकार से रोकने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

आज 37 लाख 35 हजार 647 महिला मतदाताओं सहित कुल 81 लाख 26 हजार 72 मतदाता 490 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इन उम्मीदवारों में 44 महिलाएँ और 178 निर्दलीय शामिल हैं।

इन 35 सीटों में से सभी पर कांग्रेस और बसपा ने बिना किसी से तालमेल किए अपने उम्मीदवार खड़ किए हैं और उनकी तरह ही अकेले चुनाव लड़ रही राकांपा, जद (एस) तथा समाजवादी पार्टी ने क्रमश: 25, 21 और 16 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं।

प्रदेश में सत्ताधारी जदयू एवं भाजपा ने आपसी तालमेल के साथ क्रमश: 22 एवं 13 तथा लालू प्रसाद की राजद और रामविलास पासवान की लोजपा ने गठबंधन में क्रमश: 20 एवं 15 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। इस बार एकसाथ चुनाव लड़ रहे तीनों वामदलों भाकपा, माकपा एवं भाकपा माले ने इन 35 सीटों में से क्रमश: सात, दो एवं 23 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

चुनाव आयोग द्वारा विकलांग मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर रैम्प की व्यवस्था की है तथा दृष्टिहीन मतदाताओं के लिए ब्रेल लिपि में डमी मत पत्र का इंतजाम किया है।

बिहार के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुमार अंशुमाली ने बताया कि 299 मतदान केंद्रों पर लाइव वेब स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई है जिसके जरिए मतदान केंद्रों पर हो रही गतिविधियों को जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और भारत निर्वाचान आयोग द्वारा सीधे देखा जा सके।

नक्सल प्रभावित फुलवारी, मसौढी, पालीगंज, विक्रम, अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोषी, मखदुमपुर, बोधगया, रजौली, गोविंदपुर, इस्लामपुर और अतरी में मतदान का समय सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक तथा हिलसा, बेलागंज और वजीरगंज में मतदान का समय सुबह सात बजे से अपराह्न चार बजे तक निर्धारित किया गया है। बाकी अन्य सीटों पर मतदान सुबह सात बजे से शाम पाँच बजे तक जारी रहेगा।

रविवार, 7 नवंबर 2010

झारखंड में सत्तर हजार लोगों को नौकरी

झारखंड में प्रशासन को पटरी पर लाने के लिए शीध्र ही विभिन्न विभागों में सत्तर हजार नई नियुक्तियाँ की जाएँगी।

झारखंड सरकार के मुख्य सचिव डॉ. अशोक कुमार सिंह ने एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि 15 नवम्बर 2000 में नए झारखंड राज्य के गठन के बाद यहाँ नए सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की भर्ती के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं बन सकी थी।
इसलिए पिछले दस वर्षों में राज्य में सुचारू रूप से सरकार चलाने के लिए सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों का टोटा ही पड़ गया।

सिंह ने कहा कि जब राज्य के विभिन्न विभागों में सरकार चलाने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारी ही नहीं होंगें तो आखिर विभिन्न सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कौन करेगा। इस कमी को दूर करने के लिए झारखंड में विभिन्न विभागों में एक साथ लगभग सत्तर हजार अधिकारियों तथा कर्मचारियों की शीध्र नियुक्ति की जाएगी।

डॉ. अशोककुमार सिंह ने बताया कि झारखंड में पुलिस विभाग में ही बीस हजार सिपाहियों एवं मध्यक्रम के अधिकारियों की भर्ती की जाएगी जबकि विभिन्न स्तरों पर लगभग बीस हजार अध्यापकों की भर्ती की जाएगी।

उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस बल में सिपाहियों एवं अधिकारियों की कमी के चलते नक्सल विरोधी अभियान में भी कठिनाई आती है जिसे फिलहाल केन्द्रीय बलों की सहायता से दूर किया जाता है।

इसी प्रकार अध्यापकों की कमी के चलते विभिन्न सरकारी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रों की शिक्षा का कार्य उचित ढंग से नहीं किया जा सका है।

सिंह ने बताया कि विभिन्न सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी कठिनाई उठानी पड़ती है।

राज्य में विभिन्न मंत्रालयों में कुल तीस हजार से अधिक तृतीय श्रेणी एवं गजटेड अधिकारियों की कमी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग में भी अधिकारियों की कमी है।

इस कमी को दूर करने के लिए अर्जुन मुंडा सरकार एक साथ तीस हजार से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक मुश्त भर्ती की योजना बना रही है।

राज्य के विश्वविद्यालयों में लेक्चरर, रीडर एवं प्रोफेसर के भी कुल 700 से अधिक पद रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की कमी दूर करने की दिशा में राज्य सरकार शीध्र ही आवश्यक कदम उठाएगी।

आज थमेगा चुनावी शोर

विधान सभा के पांचवें चरण में 35 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रचार का शोर रविवार की शाम थम जायेगा। पांचवें चरण में भोजपुर जिला की 7, नवादा की 5, गया की 5, शेखपुरा की 2, नालंदा की 7, पटना की 4 अरवल की 2, जहानाबाद की 3 सीटों के लिए 9 नवम्बर मंगलवार को मतदान होगा। इसी चरण में पटना के फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और बिक्रम में भी मतदान है। 35 सीटों में सात सीट यानी राजगीर, फुलवारी, मसौढ़ी, अगिआंव, मखदुमपुर, बोधगया और रजौली अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट हैं। नक्सलियों के प्रभाव आदि को देखते हुए 13 क्षेत्रों में मतदान का समय तीन बजे तक निर्धारित था मगर अंतिम समय में चुनाव आयोग ने चार और क्षेत्रों के समय में परिवर्तन कर दिया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी की अनुशंसा के आलोक में आयोग ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।

सोमवार, 1 नवंबर 2010

लालू के खिलाफ दर्ज हुयी एफआईआर

पटना। पटना के एक मतदान केंद्र पर अपनी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सोमवार को मतदान करने पहुंचे लालू प्रसाद पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया गया है।

पटना सह निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम ने बताया कि किसी विशिष्ट व्यक्ति के अंगरक्षक को मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में खुलेआम हथियार लेकर जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन दीघा विधानसभा सीट के मतदान केंद्र संख्या 118 पर वोट डालने पहुंचे लालू प्रसाद ने इसका ख्याल नहीं रखा। उन्होंने बताया कि इस मामले में पटना सदर प्रखंड विकास अधिकारी अशोक कुमार को पटना हवाई अड्डा थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए। जिसके बाद लालू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया।

लालू अपनी पत्नी, पुत्र तेजप्रताप और पुत्री रागिनी के साथ वेटनेरी कालेज स्थित मतदान केंद्र में वोट डालने पहुंचे थे। लालू और राबड़ी दोनों के पास जेड प्लस सुरक्षा है। वोट डालने पहुंचे लालू और उनकी पत्नी ने मीडिया से कोई बात नहीं की, पर राबड़ी ने इतना जरूर कहा कि मतदान के लिए उन्हें मतदान केंद्र के भीतर जाने दें। मतदान करने के बाद लालू मुस्कुराते हुए बाहर निकले और बिहार विधानसभा की शेष सीटों पर प्रचार के लिए पटना हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए।

चौथे चरण की 42 सीटों पर मतदान शुरू

बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 42 सीटों के लिए आज अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण ढंग से सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। बांका लोकसभा सीट पर भी सोमवार को उपचुनाव हो रहा है। लालू यादव द्वारा सुरक्षाकर्मियों के साथ मतदान करने की वजह से वे आचार संहिता की जद में आ गए हैं। लालू पर आरोप है कि वे गनमैन के साथ मतदान करने गए थे, इसी वजह से उन पर केस दायर हो गया है। लालू की पत्नी राबड़ी देवी पर भी पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।

राज्य निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने यहाँ बताया कि प्रदेश विधानसभा की कुल 243 में से 42 सीटों और बांका लोकसभा उपचुनाव के लिए 10716 बूथों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। इसमें लगभग एक करोड़ 47 हजार 974 मतदाता मतदान करेंगे।

इस चरण में 42 में से 32 सीटो के लिए सुबह सात बजे से शाम पाँच बजे तक मतदान होगा जबकि सुरक्षा कारणों को लेकर अलौली (सु), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सु), बेलहर सिकन्दरा (सु), जमुई झाझा और चकाई में सुबह सात बजे से तीन बजे तक ही वोट डाले जाएँगे।

सूत्रों ने बताया कि शहरी विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर सुबह के समय मतदाताओं की लंबी कतार देखी जा रही है जिनमें युवाओं की संख्या अधिक है। हालाँकि ठंड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बूथों पर मतदाता कम संख्या में पहुँच रहे हैं।

इस बीच राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) पी.के. ठाकुर ने यहाँ बताया कि सभी मतदान केन्द्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान चल रहा है और अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। मतदान को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं तथा बूथ लूटेरों और गड़बड़ी फैलाने वाले असामाजिक तत्वों को देखते ही गोली मारने के आदेश संबंधित जिला प्रशासन को दिए गए हैं।

ठाकुर ने बताया कि चुनाव वाले क्षेत्रों में चार हेलीकाप्टरों की मदद से गश्त की जा रही है। इसके अलावा अत्याधुनिक हथियारों से लैस अर्द्धसैनिक बल के जवान मतदान केन्द्रों के आसपास नजर रखे हुए हैं।

इस चरण में जिन प्रमुख दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी है उनमें स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव पटना साहिब और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री अश्विनी चौबे भागलपुर (दोनों भारतीय जनता पार्टी), बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय जनता दल के नेता शकुनी चौधरी (तारापुर) पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सदानंद सिंह (कहलगाँव) कांग्रेस के पूर्व सांसद धनराज सिंह (जमालपुर) राजद के पूर्व सांसद विजय कृष्ण (बाढ़), जनता दल यूनाइटेड के बाहुबली नेता अनंत सिंह (मोकामा) और जेल में बंद निर्दलीय रीतलाल यादव (दानापुर) शामिल हैं।

दूसरी ओर पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह के निधन से रिक्त हुई बांका संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए स्व. सिंह की पत्नी पुतुल सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रप में चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव से है। श्रीमती सिंह को जद यू और कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है।

जिन 42 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें चेरियाबरियारपुर, बछवाडा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय, बखरी (सु), खगडिया, बेलदौर, परबत्ता, लखीसराय, मुंगेर, बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती (सु), कहलगाँव, भागलपुर, सुलतानगंज, नाथनगर, मोकामा, बाढ, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, अमरपुर, धोरैया (सु), बांका, अलौली (सु), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सु), बेलहर, सिकंदरा (सु), जमुई, झाझा और चकाई शामिल है।

गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

तीसरे चरण में 54 प्रतिशत वोट पड़े

बिहार विधानसभा की 48 सीटों के लिए व्यापक सुरक्षा के बीच गुरुवार को शांतिपूर्ण मतदान हुआ। मतदान के तीसरे चरण में भी मतदाताओं का उत्साह बरकरार रहा और 54 प्रतिशत वोट पड़े। बिहार में अभी तक आधी से ज्यादा सीटों पर मतदान हो चुका है। बढ़े मतदान प्रतिशत से सभी दलों की आशाएं उछाल मार रही हैं। हर दल अपने पक्ष में इसका आकलन कर रहा है। सत्ताधारी जदयू महिलाओं की बढ़ी भागीदारी अपने हित में मान रहा है। विपक्ष का मानना है कि ज्यादा मतदान सत्ता के विरोध में ही होता है।

बिहार की 243 सीटों में 140 सीटों पर मतदान हो चुका है। हर चरण में 53 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। गुरुवार को तीसरे चरण में 54 फीसदी मतदान हुआ, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 47.3 फीसदी और लोकसभा चुनाव में 43.8 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव आयोग इस वृद्धि को अपनी कोशिश का नतीजा मानता है।अभी तीन चरणों में 103 सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं।

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

बिहार में 48 सीटों के लिए आज थमेगा प्रचार

विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को शाम आठ जिलों की 48 सीटों पर चुनावी प्रचार का शोर थम जायेगा। यहां 28 अक्टूबर यानी गुरुवार को वोट डाले जायेंगे। तीसरे चरण में 785 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 65 महिलाएं हैं।

राज्य के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी कुमार अंशुमाली ने बताया कि रक्सौल में सबसे कम 7 और महुआ में सबसे अधिक 31 उम्मीदवार हैं। 19 क्षेत्रों में 16 से अधिक प्रत्याशी हैं। सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। जबकि तीन सीटों पर मतदान 3 बजे तक ही होगा। हरसिद्धि, भोरे, दरौली, गरखा, राजापाकड़, रामनगर और पातेपुर यानी सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। पातेपुर, वाल्मीकिनगर और रामनगर में मतदान सुबह सात बजे से तीन बजे तक होगा जबकि अन्य सीटों पर पांच बजे तक। पूर्वी चंपारण में 7, प.चंपारण में 9, गोपालगंज में 6, सिवान में 8, सारण में 10 तथा वैशाली जिले में 8 विधानसभा सीटों पर तीसरे चरण में चुनाव हो रहा है। इस चरण में 1 करोड़ 3 लाख 76 हजार 22 मतदाता 10814 बूथों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। 1500 से अधिक वोटर वाले बूथों के लिए 413 सहायक मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। इस चरण में मतदान की खातिर 11945 कंट्रोल यूनिट और 16671 बैलेट यूनिट का इस्तेमाल किया जायेगा।

इन सीटों के लिए पड़ेंगे वोट: एक नजर

वाल्मीकिनगर, रामनगर , नरकटियागंज, बगहा, लौरिया, नौतन, चनपटिया, बेतिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, हरसिद्धि , गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, मोतिहारी, बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे , हथुआ, सिवान, जीरादेई, दरौली , रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गोरियाकोठी, महाराजगंज, एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा (अ.जा.), अमनौर, परसा, सोनपुर, हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजापाकड़ (अ.जा.), राघोपुर, महनार और पातेपुर (अ.जा.)

सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

नीतीश-लालू के बीच सीधी बहस हो--आडवाणी

हाजीपुर। पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अमेरिका की तरह भारत में भी नेताओं के बीच सीधी बहस कराए जाने की वकालत करते हुए सोमवार को कहा कि अच्छा होता बिहार की जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को एक ही मंच से सीधी बहस करते देखती।

पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया और वैशाली के हाजीपुर में अलग-अलग सभाओं को संबोधित करते हुए आडवाणी ने अमेरिका की तर्ज पर चुनाव के दौरान देश में भी नेताओं के बीच सीधी बहस कराए जाने की वकालत करते हुए कहा कि अच्छा होता बिहार की जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद को एक ही मंच से सीधी बहस करते देखती।

आडवाणी ने कहा कि अगर लालू को नीतीश के साथ बहस करने से संकोच हो तो भाजपा सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद के साथ सीधी बहस कर सकते हैं।

आडवाणी ने टीवी पर निक्सन एवं कैनेडी की सीधी बहस का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से अमेरिका में टीवी पर वहां के नेताओं के बीच सीधी बहस होती है कितना अच्छा होता अगर उसी प्रकार से यहां भी होने लगे।

टीवी समाचार चैनलों की बढ़ती संख्या पर खुशी जताते हुए आडवाणी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय उम्मीदवारों के बीच भी एक मंच पर आमने सामने की सीधी बहस होनी चाहिए थी।

लोकतंत्र में चुनावी सभाओं के स्वरूप में बदलाव की आवश्यकता जताते हुए आडवाणी ने कहा कि देश का संविधान बनने के बाद वर्ष 1952 में पहला चुनाव हुआ उसके बाद से लेकर अगले चार चुनावों तक लोकसभा और देश के सभी विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ होते रहे। लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि निर्धारित अवधि के अनुसार 1972 में लोकसभा के चुनाव होने थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में ही लोकसभा को भंग कर चुनाव करवा दिए, जिसके बाद से लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग होने लगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा संविधान की धारा 356 का केंद्र द्वारा बार बार दुरुपयोग करते हुए कई प्रदेशों की सरकारों को भंग किया जाता रहा।

आडवाणी ने कहा कि धीरे-धीरे ऐसी स्थिति आ गई है कि कभी लोकसभा का चुनाव होता है तो कभी विधानसभाओं का और पूरे समय देश की जनता चुनाव में लगी रहती है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति न तो राजनीति, प्रशासन के दृष्टिकोण से और न ही मतदाताओं के लिए। आडवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री से कुछ दिन पहले उनकी जो मुलाकात हुई थी उसमें उन्होंने उनसे कहा था कि देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ होने चाहिएं।

लोगों से भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राजग सरकार को पांच साल मौका दिए जाने की दुहाई देकर अगर लालू जी लोगों से वोट मांगते हैं तो राजग के नेता उनसे सीधे तौर पर यह कह सकते हैं कि आपको जनता ने 15 साल का मौका दिया और उसके बाद सत्ता से बेदखल क्यों कर दिया।

आडवाणी ने आरोप लगाया कि यहां की पिछली सरकार के बारे में उन्हें अक्सर यह सुनने को मिला कि उसके शासनकाल में अपहरण एक व्यवसाय बन गया था और उसमें तत्कालीन सरकार स्वयं भागीदार बनी हुई थी। उन्होंने कहा कि जब से यहां नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार सत्ता में आई तब से इस पर रोक लगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेज जब देश छोड़कर गए थे तो बिहार की यह स्थिति नहीं थी और यह प्रदेश प्रशासनिक दृष्टिकोण से सबसे बढि़या राज्य माना जाता था पर धीरे-धीरे यहां अपराध बढ़ता गया और इसमें उस समय और भी वृद्धि हुई जब विभिन्न पार्टियों ने अपराधी छवि वाले लोगों को चुनाव मैदान में उतारकर विधानसभा भेजना शुरू कर दिया।

आडवाणी ने राज्य की जनता का आह्वान किया कि वह 21वीं शताब्दी को भारत की शताब्दी बनाने का संकल्प लें और बिहार के विकास और बेहतर शासन के लिए राज्य में अगली सरकार राजग की बनाएं।

बिहार राजनीति की छह सूत्री हकीकत

- योगेन्द्र यादव (वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक)
छह चरणों के चुनाव का जायजा छह दिन में लगा लेना तो किसी के बस की बात नहीं है। अब तक दो चरण हो चुके हैं और चुनाव प्रक्रिया के बीचोबीच चुनावी परिणाम का आकलन करने का यहाँ कोई इरादा नहीं है।

यूँ भी सीटों की चुनावी भविष्यवाणी से तौबा कर चुका हूँ। लेकिन छह चरण के इस चुनाव के बहाने बिहार की बदलती राजनैतिक हकीकत के बारे में छह दिन में जो सीख पाया उसके छह सूत्र पेश कर रहा हूँ।

पहला सूत्र: बिहार के विकास की बात करना अभी जल्दबाजी है लेकिन विकास की आस जरूर बंधी है।

पिछले पाँच साल में बिहार के चहुँमुखी विकास के दावे बेशक अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। आर्थिक वृद्धि के आँकड़े जरूर भ्रामक हैं। लेकिन जिसे आमतौर पर विकास कहा जाता है (इस बिजली, पानी, सड़क केंद्रित धारणा को 'बिपास' कहें तो बेहतर होगा) उसके कुछ पहलुओं में पिछले पाँच साल में आशातीत बदलाव हुआ है।

राज्य के हर कोने में सड़कों का कायापलट हो गया है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर जाने लगे हैं और मरीज भी। स्कूलों में अध्यापक बढे़ हैं और बच्चों को मिलने वाली सुविधाएँ भी। यह बदलाव सिर्फ पटनाClick here to see more news from this city या चंद शहरी इलाकों में ही नहीं, कमोबेश पूरे राज्य में हुआ है।

इसका मतलब यह नहीं कि शिक्षा का स्तर या सेहत सुधर गई है। गरीबी और बदहाली मिटने की तो बात ही छोड़िए, बिजली, उद्योग और रोज़गार के अवसर अभी जस के तस हैं। नए शिक्षकों की गुणवत्ता से हर कोई नाराज है, सड़कों में भी बहुत काम बाकी है।

लेकिन तीन दशक के बाद बिहार में आस लौटी है।

दूसरा सूत्र: सुशासन अभी दूर की कौड़ी है लेकिन शासन वापस आया है। औरत-मर्द, गरीब-अमीर, अगड़ा-पिछड़ा हर कोई मानता है कि दबंगई, रंगदारी, अपहरण और बाहुबल के जोर से बेगार पहले से बहुत घटे हैं।

लालू-राबड़ी राज के अंतिम दिनों का ‘अंधेर नगरी चौपट राजा वाला’ माहौल खत्म हुआ है। भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ, शायद पहले से कुछ बढ़ा ही है। लेकिन जनता को भरोसा है कि नीतीश कुमार अब इस पर कुछ करेंगे।

फिलहाल जनता चुनाव से पहले कुछ दबंग नेताओं से नीतीश कुमार के समझौते को नजरंदाज करने को तैयार है। बढ़ती अफसरशाही झेलने को तैयार है।

अगर सुशासन जनकल्याण के लिए और जनता के प्रति जवाबदेह सरकार का नाम है तो बाकी देश की तरह बिहार उससे कोसों दूर है। बस कोई पच्चीस-तीस साल बाद (जगन्नाथ मिश्र के कांग्रेस राज में शुरू हुए युग के बाद से) शासन वापस आया है, सरकार दिखने लगी है।

तीसरा सूत्र: मीडिया निष्पक्ष भले ही न हो, लेकिन उसकी कही हर बात झूठ नहीं है। विकास और सुशासन के नाम पर प्रचार के चलते बिहार का मीडिया सत्तारूढ़ सरकार के साथ खड़ा नजर आता है।

अपनी छवि के प्रति अति-सजग नीतीश कुमार सरकार के जरिए प्रत्यक्ष-परोक्ष तरीकों से मीडिया को नियंत्रित करने की कोशिशें जानकार लोगों से छुपी नहीं हैं।

यूँ भी बिहार की मीडिया पर आज भी अगड़ी जातियों का वर्चस्व है। उनके स्वार्थ और पूर्वाग्रह नीतीश सरकार से जुड़े हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि नीतीश के पक्ष में जाने वाली हर खबर झूठी है।

पिछले चुनावों में मीडिया की तस्वीर और गरीब-गुरबा के जनमत से उभरने वाली छवि दो विपरीत संकेत देती थीं। इस बार ऐसा दिखाई नहीं देता।

चौथा सूत्र: जाति का चश्मा हटा नहीं है, लेकिन उसका नंबर बदल गया है। बाकी देश की तरह जाति बिहार के समाज, राजनीति और मन में बसी है। आम वोटर नेताओं, पार्टियों और सरकार को जाति के चश्मे से देखता रहा है। इस बार भी देखेगा।

फर्क यही है कि पहले किसी भी सरकार से कामकाज की संभावना इतनी दूरस्थ थी कि जाति के चश्मे से अपने स्वजातीय उम्मीदवार और नेता के सिवा और कुछ दिखता ही नहीं था।

अब यह संभावना नजदीक के चश्मे से भी दिखने लगी है। समाज में जातीय समीकरण पलटने से इस चश्मे का नंबर भी बदला है। अगड़ों में नीतीश के प्रति अनुराग कम होने की भरपाई अति-पिछड़ों के जबरदस्त समर्थन और महादलित और पसमांदा मुसलमानों में सेंध से हो सकती है।

उधर राजद-लोजपा गठबंधन के पक्ष में यादव और पासवान जाति का ध्रुवीकरण पहले से ज्यादा हुआ है, लेकिन बाकी सब तरफ उन्हें नुकसान हो सकता है।

पाँचवाँ सूत्र: लालू का सूरज डूबा नहीं हैं, लेकिन यह चुनाव नीतीश के इर्द-गिर्द हो रहा है। लालू प्रसाद यादव बिहार में सामाजिक क्रांति के अगुवा रह चुके है। पिछड़े और गरीब आज भी उन्हें स्नेह और सम्मान से देखते हैं।

लेकिन जिस आवाज का उठना लालू प्रसाद ने संभव बनाया, आज नीतीश कुमार उस आवाज को सुनने और उसकी अपेक्षाएँ पूरी करने के प्रतीक बन रहे हैं।

इस लिहाज से यह चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व के इर्द-गिर्द सिमट रहा है। उनके आभामंडल के सामने उनका अपना दल छोटा पड़ रहा है। भाजपा और राजग तो कहीं चर्चा में भी नहीं हैं।

छठा सूत्र: चुनाव पूरे हो जाएँगे लेकिन असली चुनौती अब शुरू होती है। पिछली बार जदयू-भाजपा गठबंधन लालू-राबड़ी राज के विरुद्ध आक्रोश के बल पर सत्ता पा गया था। इस बार अगर उनकी सत्ता में वापसी होती है तो उस जनादेश के साथ जनाकाँक्षाएँ भी जुडी होंगी।

इस बार लोग न्यूनतम से संतुष्ट नहीं होंगे। सिर्फ अध्यापकों की बहाली नहीं, बल्कि शिक्षा माँगेगे। रंगदारी घटने भर से खुश नहीं होंगे, दैनंदिन भ्रष्टाचार का ख़ात्मा चाहेंगे।

पूछेंगे कि इन सड़कों पर चलकर हम कहाँ जाएँ? बदहाली से छुटकारा चाहेंगे। रोजगार माँगेगें। अमन के साथ साथ इंसाफ भी माँगेगे।

नीतीश की राजनैतिक चुनौती वहाँ शुरू होगी। उन्हें सोचना पड़ेगा कि क्या बिहार का विकास महाराष्ट्र और पंजाब की नक़ल से किया जा सकता है या नहीं। पूछना होगा कि परिवर्तन कि राजनीति कहाँ तक अफसरशाही के सहारे की जा सकती है। बटाईदार ही नहीं पूरे भूमि के सवाल पर एक राय बनानी पड़ेगी।

बिहार का यह चुनाव बचपन में पढ़ी बाबा खड्ग सिंह की कहानी याद दिलाता है। अगर नीतीश कुमार इस बार चुनाव नहीं जीतते तो बिहार में कोई सरकार फिर कभी सड़कें नहीं बनाएगी। विकास और सुशासन का नाम भी नहीं लेगी।

लेकिन साथ ही साथ यह चुनाव रेणु की कालजयी कृति 'मैला आँचल' की भी याद दिलाता है। अगर नीतीश चुनाव जीत कर विकास और सुशासन की उसी डगर पर चलते हैं जो विश्व बैंक और योजना आयोग ने तय की है तो एक बार फिर बावनदास को मरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

बिहार चुनावों के जादूगर है नीतीश व सुशील

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव प्रचार संबंधी विवाद से पिंड छुड़ाने के प्रयास में भाजपा ने सोमवार को कहा कि यहां के जादूगर नीतीश और सुशील हैं।

भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हर जगह के जादूगर अलग-अलग होते हैं और बिहार में विधानसभा चुनावों में जादूगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी हैं। इनका जादू बिहार में चल रहा है। बिहार में राजग के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में आई लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने यह टिप्पणी एक सवाल के जवाब में की, जिसमें उनसे पूछा गया था कि गुजरात के पंचायत चुनावों में नरेंद्र मोदी का जादू चल गया है तो ऐसे में इस जादूगर को यहां क्यों नहीं बुलाया जा रहा है? एक अन्य प्रश्न के जवाब में सुषमा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के बिहार चुनाव प्रचार के संबंध में नीतीश कुमार ने कोई शर्त नहीं रखी थी और न ही मोदी को प्रचार करने से रोका था।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने सोचा कि पुराने चुनावों में जो व्यवस्था चल रही थी, वही 2010 के विधानसभा में भी आजमाया जाए। इसी के तहत बिहार में टिकटों का बंटवारा भी हुआ है।

रविवार, 24 अक्तूबर 2010

बिहार में दूसरे चरण में 53 फीसदी मतदान

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 45 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कड़े सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार को संपन्न हो गया। दूसरे चरण के मतदान में करीब 53 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। पूर्वी चंपारण जिले में 56 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मतों का उपयोग किया। शिवहर जिले में करीब 49 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके साथ ही 46 महिलाओं सहित कुल 623 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गई।

इस चुनाव में नक्सली भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहे, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के बीच एक-दो घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। मतदान में व्यवधान डालने के आरोप में 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि के अनुसार इस दौरान मतदान में व्यवधान डालने के आरोप में 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें दरभंगा जिले में 58, मुजफ्फरपुर में 18, समस्तीपुर में 30 लोग शामिल है। इसके अलावे 66 मोटर साईकिल सहित 68 वाहनों को भी जब्त किया गया।

इस बीच मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान संख्या एक के पास राज्य के लघु सिंचाई मंत्री दिनेश प्रसाद कुशवाहा के वाहन पर पत्थरबाजी की गई, जिसमें मंत्री को तो कोई नुकसान नहीं हुआ परंतु उनका अंगरक्षक घायल हो गया। इस पत्थरबाजी में मंत्री का वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। कुशवाहा का आरोप है कि निर्दलीय प्रत्याशी माधवी चंद्र के पुत्र और उनके समर्थकों ने उन पर हमला किया। पुलस के अनुसार इस मामले की एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

इस बीच कई मतदान केंद्रों पर चुनाव बहिष्कार की भी सूचना मिली है। गौरतलब है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से पांच विधानसभा क्षेत्रों पारू, मीनापुर, साहेबगंज, शिवहर और बेलसंड विधानसभा क्षेत्र में सुबह सात बजे से तीन बजे तक मतदान हुआ जबकि अन्य 40 क्षेत्रों में पांच बजे तक मत डाले गए।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की रात शिवहर में एक नक्सली हमले में एक थाना प्रभारी सहित छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी जबकि एक पुलिस का जवान घायल हो गया था।

सीतामढ़ी जिला के रूनीसैदपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 116 पर संदिग्ध नक्सलियों ने आकर मतदान संबंधी कागजात जला दिए और फरार हो गए।

इस घटना की पुष्टि राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक पी़ के़ ठाकुर ने भी की है। उन्होंने किसी भी मतदानकर्मी के अगवा होने के समाचार का खंडन किया। केंद्र पर सुबह आवश्यक कागजात पहुंचाए जाने के बाद वहां मतदान सुचारू रूप से चला। पूर्व में यह खबर थी कि मतदान केंद्र संख्या से कुछ मतदानकर्मियों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया है।

इस चरण में कुल 98,44,981 मतदाताओं के लिए 10, 312 मतदान केंद्र बनाये गये थे। इस चुनाव में 12691 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग किया गया जबकि करीब 250 मतदान केंद्रों से वेब कॉस्टिंग किया गया।

दूसरे चरण की 45 सीटें पूर्वी चम्पारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों के अंतर्गत आते है। उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के तहत गुरुवार को 47 सीटों पर मतदान कराया गया था जिसमें 54 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। राज्य के 243 सीटों के लिए छह चरणों में 21, 24 और 28 अक्टूबर तथा 1, 9 और 20 नवंबर को मतदान की तिथि घोषित की है। सभी सीटों के लिए मतगणना 24 नवंबर को होगी।

शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

सरकार बनी तो भरपेट खाना

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को बगहा, बेतिया व मोतिहारी में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बिहार में पुलिस के जवान मारे जा रहे हैं । बावजूद इसके बिहार सरकार उससे निबटने की स्थिति में नहीं है। हमारी सरकार में आलू और लालू एक सामान था। हमारी पहचान देश-विदेश में एक प्रगतिशील नेता के तौर पर है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो गरीबों को भरपेट खाना मिलेगा।

लाठी छोड़ कलम पकड़ें

छपरा। जिले के मांझी विधानसभा क्षेत्र के कोपा व एकमा विधानसभा क्षेत्र के एकमा में शनिवार को आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा कि लाठी पकड़ा कर समाज को अंधेरे में धकेलने वालों पर विश्वास न करें। लाठी छोड़कर कलम पकड़ें तभी सबका कल्याण है। उन्होंने कहा कि बिहार को बर्बाद कर देने वालों को आपने पंद्रह वर्ष मौका दिया अब विकास के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर देने वालों को मौका दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे एक मौका और दें बिहार कागौरवशाली अतीत लौटा दूंगा।

वादे पर खरा नहीं उतरे नीतीश : पासवान

चनपटिया (प.च.)। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने शनिवार को कहा कि सुशासन के मुखिया नीतीश ने जनता को धोखा दिया है। वादाखिलाफी की राह पर चल रहे नीतीश ने दलित एवं गरीबों को गफलत में रखा है। दलितों को एक धुर भी जमीन नहीं दिलवाया।

श्री पासवान यहां एफसीआई मैदान में लोजपा प्रत्याशी शेख शर्फूद्दीन के पक्ष में एक आमसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि हम सत्ता में आते हैं तो सभी छात्र छात्राओं को पोशाक एवं साइकिल उपलब्ध कराएंगे। मोबाइल सेवा को गरीबों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने कुमारबाग में सेल की स्थापना की। परंतु उद्योगों का जाल बिछाने की बात कहने वाले नीतीश व सुशील एक कैंची का भी कारखाना नहीं खोल पाए।

नौतन नहीं पहुंचे रामविलास

नौतन (प.च.)। नौतन विधानसभा सीट से लोजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा को सम्बोधित करने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान नौतन नहीं पहुंच सके। खेल मैदान में पूर्वाहन दस बजे से सैकड़ों लोग उनकी प्रतीक्षा में चार घंटे चिलचिलाती धूप में खड़े रहे। स्थानीय नेता 10.30 बजे से सभा को सम्बोधित करते रहे। अचानक एक बजे के बाद घोषणा हुई कि रुट बदल जाने से हेलीकाप्टर सभास्थल पर नहीं पहुंच पाया। उनके न आने की खबर सुन कार्यकर्ताओं के चहरे पर मायूसी छा गयी।

मरजदवा के अनुसार सिकटा विधानसभा क्षेत्र के रामपुर मैनाटांड़ हाई स्कूल के प्रांगण में प्रस्तावित लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की जनसभा किसी कारण बस नहीं हुई। श्री पासवान ने दूरभाष पर आमजनों से इसके लिए खेद प्रकट किया।

बिहार में दूसरे चरण के लिए मतदान कल

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को 45 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले मतदान के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए है। इस बीच, शिवहर में हुए नक्सली हमले के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में मतदान का समय बदल दिया गया है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने शनिवार को पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रविवार को दूसरे चरण में होने वाले सभी 45 विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होंगे।

उन्होंने कहा कि शिवहर विधानसभा क्षेत्र के 96 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर केन्द्रीय अ‌र्द्घसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी जबकि अन्य जिलों के 80 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अ‌र्द्घसैनिक बल तैनात होंगे।

नीलमणि ने कहा कि अन्य मतदान केंद्रों पर अन्य सशस्त्र बलों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने शिवहर में हुए नक्सली हमले को नक्सलियों की बौखलाहट का परिणाम बताया। उन्होंने मतदाताओं से भी अपील की है कि वे मतदान केंद्र तक पहुंचकर मतदान करें। सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है।

इस, बीच राज्य निर्वाचन विभाग ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से शिवहर विधानसभा क्षेत्र में मतदान का समय बदलकर सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक कर दिया है। पूर्व में मतदान पांच बजे तक होना था। मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर, पारू और साहेबगंज विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टिकोण से तीन बजे तक मतदान होना तय है।

दूसरे चरण में बिहार विधानसभा की 45 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए शुक्रवार की शाम प्रचार का शोर थम गया। पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिले में इन सीटों के लिए 24 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे।

दूसरे चरण में 623 उम्मीदवार चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। 98 लाख 44 हजार 981 मतदाता 10312 बूथों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे। इसमें 5280234 पुरुष और 4564747 महिला मतदाता हैं। एक बूथ पर 1500 से अधिक मतदाता होने की वजह से 363 सहायक बूथ बनाये गये हैं। कुल 11348 कंट्रोल यूनिट और 13668 बैलट यूनिट का इस्तेमाल किया जाएगा।

छह सीटें बथनाहा, कुशे‌र्श्वर स्थान, बोचहा, सकरा, कल्याणपुर और रोसड़ा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रोसड़ा में सबसे कम छह उम्मीदवार हैं जबकि काटी में सबसे अधिक 24 प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं। नौ ऐसे क्षेत्र हैं जहा 16 से अधिक उम्मीदवार हैं। यहा मतदान की व्यवस्था के लिए हर बूथ पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है।

गौरतलब है कि मतदान प्रारंभ होने के 36 घंटे पूर्व शुक्रवार की रात नक्सलियों ने शिवहर में एक बारूदी सुरंग विस्फोट किया था, जिसमें छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के तहत गुरुवार को 47 सीटों पर मतदान कराया गया था जिसमें 54 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। राज्य के 243 सीटों के लिए छह चरणों में 21, 24 और 28 अक्टूबर तथा 1, 9 और 20 नवंबर को मतदान की तिथि घोषित है। सभी सीटों के लिए मतगणना 24 नवंबर को होगी।

24 को यहा पड़ेंगे वोट:-

नरकटिया, पिपरा, मधुबन, चिरैया, ढाका, शिवहर, रीगा, बथनाहा [अजा], परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड, कुशेश्वरस्थान [अजा], गौड़ाबौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर,केवटी, जाले, गायघाट, औराई, मीनापुर, बोचहा, [अजा], सकरा [अजा], कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, काटी, बरुराज, पारू, साहेबगंज, कल्याणपुर [अजा], वारिसनगर , समस्तीपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीनजर, विभूतिपुर, रोसड़ा [अजा] और हसनपुर।

गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

बिहार बढ़ेगा, तभी हिंदुस्तान बढ़ेगा: राहुल

मुजफ्फरपुर [जागरण संवाददाता]। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में धरातल पर विकास नजर नहीं आता।

उन्होंने कहा कि वे युवाओं के बलबूते विकास की बात करने आए हैं। जब बिहार बढ़ेगा-तभी हिन्दुस्तान भी आगे बढ़ेगा। राहुल गुरुवार को मुजफ्फरपुर में चुनावी सभा संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 11 विधानसभा क्षेत्रों से आए मतदाताओं से कांग्रेस को जिताने की अपील की।

कांग्रेस महासचिव ने मनरेगा, इंदिरा आवास, बीपीएल में गड़बड़ी की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र ने एक लाख करोड़ रुपये बिहार भेजे। लेकिन उनका क्या हुआ, किसी को नहीं पता। 100 दिनों की रोजगार गारंटी के लिए कानून बनाए गए। इससे गरीबों, मजदूरों व बेरोजगारों को फायदा होना था, लेकिन बिहार पिछड़ गया। राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान का भविष्य गरीबों के हाथ में है। कांग्रेस चाहती है कि गरीब काम करे और फायदा भी उसे ही मिले। जबकि राजग की सोच है कि गरीब काम करें और फायदा अमीर उठाएं। सभा को पार्टी के प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक ने भी संबोधित किया।

पहले चरण में 55 प्रतिशत मतदान

पटना [जागरण ब्यूरो]। भारी सुरक्षा के बीच गुरुवार को बिहार में विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान हुआ। छिटपुट घटनाओं के बीच 47 सीटों के लिए करीब 55 प्रतिशत वोट पड़े। कुल 631 उम्मीदवारों का भाग्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में फीड हो गया है।

राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी सुधीर कुमार राकेश ने बताया कि छातापुर में बूथ संख्या 177 पर पीठासीन अधिकारी के साथ मारपीट और मतदान में बाधा पहुंचाने की घटना हुई है। इस मामले में जदयू विधायक नीरज कुमार बबलू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है। वायसी में सोशलिस्ट जनता पार्टी के उम्मीदवार अलीमुद्दीन अंसारी को बूथ नंबर 112 पर गड़बड़ी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि स्थानीय कारणों से बेनीपंट्टी क्षेत्र में लोगों ने दस मतदान केंद्रों पर मतदान का बहिष्कार किया।

कटिहार में प्राणपुर के बूथ संख्या 123 के पीठासीन अधिकारी मुहम्मद हबीब की हृदयाघात से बुधवार रात मौत हो गई। उनके आश्रितों को प्रावधान के अनुसार दस लाख रुपये मुआवजा राशि अदा की जाएगी। मधुबनी में 52 फीसदी, सुपौल में 53 फीसदी, अररिया में 53 फीसदी, किशनगंज में 57 फीसदी, पूर्णिया में 55, कटिहार में 57, मधेपुरा में 52 और सहरसा में 56 फीसदी मतदताओं ने वोट डाले हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि कुछ जिलों में मतदान का प्रतिशत पहले की तुलना में बढ़ा है। ये मत जागरूकता अभियान, समय से पहले वैकल्पिक दस्तावेज की जानकारी दिये जाने आदि से बढ़े हैं।

सोमवार, 4 अक्तूबर 2010

तीसरे चरण के 48 सीटों पर मतदान के लिए अधिसूचना जारी

तीसरे चरण के मतदान को ले सोमवार को 48 सीटों के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी। राज्य के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुमार अंशुमाली के अनुसार जिन 48 सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी की गयी वहां 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। नामांकन आज से ही आरंभ हो गया। नामांकन की आखिरी तारीख 11 अक्टूबर है। 14 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। जिन सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी की गयी उनमें नरकटियागंज, बगहा, लौरिया, नौतन, चनपटिया, बेतिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, हरसिद्धी (सु), गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, मोतिहारी, बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे (सु), हथुआ, सिवान, जीरादेई, दरौली (सु), रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गोरियाकोठी, महाराजगंज, एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा (सु), अमनौर, परसा, सोनपुर, हाजीपुर, लालगंज, राजापाकर (सु), राघोपुर, महनार, पातेपुर (सु), वाल्मीकिनगर व रामनगर (सु) विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिन 48 सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी की गयी है उनमें पातेपुर (सु),वाल्मीकिनगर तथा रामनगर (सु) सीट पर मतदान शाम तीन बजे ही समाप्त हो जायेगा। शेष सीटों पर शाम पांच बजे तक मतदान होगा।

पहले चरण की 47 सीटों में 711 नामांकन

राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार पहले चरण की 47 सीटों के लिए 711 प्रत्याशियों ने पर्चे दाखिल किए। मधुबनी व सीमांचल के सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज व कटिहार जिले में स्थित कुल 47 विधानसभा क्षेत्रों में नामांकन दाखिल किए जाने की अंतिम तारीख सोमवार को समाप्त हो गयी। दूसरे चरण के सीटों के लिए अब तक 133 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है जबकि सोमवार को जिस तीसरे चरण की अधिसूचना जारी की गयी उनमें तीन प्रत्याशियों ने आज पर्चे भरे। पहले चरण के तहत जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए पर्चा दाखिल करने वालों में सिमरी बख्तियारपुर से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष महबूब अली कैसर व राजद के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी का नाम भी शामिल है जिन्होंने अली नगर विधानसभा सीट के लिए अपना पर्चा भरा है। कई पूर्व सांसदों ने भी पहले चरण के तहत होने वाले मतदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे। इसमें मधेपुरा से रमेंद्र कुमार रवि, लवली आनंद और रंजीता रंजन के नाम शामिल हैं। प्रथम चरण के नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को सहरसा, सुपौल,मधेपुरा,पूर्णिया,अररिया,किशनगंज व कटिहार जिले के विधानसभा क्षेत्रों के लिए 420 प्रत्याशियों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया। इनमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर, पूर्व सांसद डा. रमेंद्र कुमार यादव रवि, रंजीत रंजन और लवली आनंद समेत कई निवर्तमान विधायक शामिल हैं।

चुनावी टिकट को लेकर मारामारी

विधानसभा की चुनावी टिकट को लेकर बिहार में मारामारी मची हुई है। शायद ही कोई पार्टी हो जो इस हाय तौबा से अछूती हो। मधुबनी और पूर्णिया मे कांग्रेसियों ने अपने ही पार्टी दफ्तरों में आग लगा दी। पटना में लोजपा कार्यालय पर दिनभर धरना चला। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आवास का दिनभर घेराव रहा। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर असंतुष्टों के कारण ताला जड़ दिया गया। टिकट वितरण में धांधली से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रविवार को प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम के सभी कक्षों में ताला जड़ दिया। पूरे आश्रम पर क्षुब्ध कार्यकताओं का कब्जा था और पदाधिकारी गायब।

टिकट बंटवारे में धांधली का आरोप लगाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने रविवार को मधुबनी व पूर्णिया जिला कांग्रेस कार्यालय में जमकर बवाल काटा। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ की गई और सामानों को आग के हवाले कर दिया गया। मधुबनी में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर जिलाध्यक्ष चंद्रकांत झा को कमरे में बंद कर दिया और बाहर रखी कुर्सियों को तोड़ डाला। इसके बाद उनमें आग लगा दी। घटना की बाबत देर शाम जिलाध्यक्ष चंद्रकांत झा के बयान पर नगर थाने में अज्ञात कांग्रेसियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

टिकट से वंचित लोगों के हंगामे से लोजपा भी अछूती नहीं रही। लोजपा कार्यालय के बाहर टिकट से वंचित अभ्यर्थी व उनके समर्थक भूख हड़ताल पर बैठ गए और गेट के सामने धरना शुरू हो गया। हालांकि देर शाम भूख हड़ताल खत्म हो गई। मौके पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं के शोर के आगे वह मूकदर्शक बनी रही। भूख हड़ताल पर बैठे दरौली के चंद्रिका ने बताया कि उन्हें टिकट का वादा किया गया था पर टिकट ऐसे व्यक्ति को मिला जिसका क्षेत्र में कोई अस्तित्व नहीं है। बक्सर से आए लोग छेदी राम को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे थे।

टिकट की दावेदारी कर रहे राजद नेता व उनके समर्थकों ने रविवार को पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के आवास का दिनभर घेराव किया। फतुहा व दानापुर से टिकट की मांग को लेकर बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता पहुंचे थे। वे अपने साथ बैनर लिए हुए थे। घेराव करने वाले फतुहा और दानापुर में प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहे थे। राजद सुप्रीमो के आवास से निकलकर पार्टी के एक कार्यकर्ता ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा।

तेघड़ा [परिसीमन के पूर्व बरौनी] के कार्यकर्ताओं ने ललन कुंवर को टिकट दिए जाने के विरोध में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। पुराने कार्यकर्ता अरविंद सिंह को वहां से प्रत्याशी बनाने की मांग की। कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिए जाने के कारण प्रदर्शनकारी गेट के सामने ही धरना पर बैठ गए। लगातार दो दिनों तक कार्यकर्ताओं के हंगामे को झेलने के बाद पार्टी ने रविवार को वहां व्यापक बंदोबस्ती कर रखी थी, जिस वजह से कार्यकर्ता कार्यालय परिसर में दाखिल नहीं हो सके। दोनों प्रवेश द्वारों पर ताले जड़ दिए गए थे।

क्षेत्रीय संगठन प्रभारी हृदयनाथ सिंह व प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मयूख ने गेट पर आकर धरना दे रहे कार्यकर्ताओं से बातचीत की तथा प्रत्याशी बदलने की उनकी भावना से नेतृत्व को अवगत कराने का आश्वासन दिया। उसके बाद ही कार्यकर्ता वहां से हटने को तैयार हुए।

मुख्यमंत्री ने बदला प्रचार का अंदाज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनाव प्रचार का अंदाज बदल दिया है। पटना से रोजाना चुनाव प्रचार के लिए जाने के बदले वे क्षेत्रों में कैंप करेंगे। उन्होंने मधेपुरा, बेतिया और भागलपुर में पड़ाव डालने का निर्णय लिया है। वहीं से वे विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में हेलीकाप्टर या सड़क मार्ग से जाएंगे। आठ अक्टूबर को श्री कुमार जदयू के चुनाव प्रचार अभियान का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री ने द्वितीय चरण को छोड़ पहले चार चरणों में कैंप करने के लिए अलग-अलग जगह तय की है। प्रथम चरण में वे 8-13 अक्टूबर तक मधेपुरा में कैंप करेंगे और वहीं से हेलीकाप्टर और सड़क मार्ग से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार को जाएंगे। प्रदेश प्रवक्ता रवींद्र सिंह के अनुसार केवल द्वितीय चरण में मुख्यमंत्री श्री कुमार पटना से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में हेलीकाप्टर से चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। तृतीय चरण में श्री कुमार दो दिनों तक बेतिया में कैंप कर चुनाव प्रचार करेंगे। चौथे चरण के लिए वे दो दिनों तक भागलपुर में कैंप करेंगे और वहीं से चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे।

बुधवार, 29 सितंबर 2010

चुनाव में पकड़ी जाएगी बाइक भी

चुनाव में मोटरसाइकिल वालों की भी खैर नहीं। चुनावी काम के लिए अब मोटरसाइकिल पर भी सरकार की नजर है। इनका भी अधिग्रहण किया जाएगा। परिवहन विभाग ने विधिवत इसके लिए मुआवजे की दर का भी निर्धारण कर दिया है। दैनिक 100 रुपये। यह राशि ईधन के अतिरिक्त मिलेगी। साथ ही चुनाव के लिए अधिगृहित ट्रक और मिनी ट्रक के मुआवजे के दर में भी वृद्धि कर दी गयी है। जुलाई महीने में ही परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर चुनाव की खातिर पकड़े जाने वाले वाहनों के लिए मुआवजे की दर का निर्धारण किया था। 27 सितम्बर को इस दर में थोड़ा संशोधन कर दिया गया है। अब ट्रक के लिए 850 रुपये के बदले दैनिक 1000 रुपये और मिनी ट्रक के लिए 380 रुपये के बदले 600 रुपये की दर से मुआवजे की राशि अदा की जायेगी। जुलाई की सूची में डम्पर मिनी डोर/एस मैजिक/फोर्स (7 बैठान क्षमता वाले तिपहिया वाहन) और मोटरसाइकिल नहीं थे। अब इन्हें भी शामिल कर दिया गया है। डम्पर के लिए दैनिक 830 रुपये तथा मिनी डोर/एस मैजिक/फोर्स (7 बैठान क्षमता वाले तिपहिया वाहन) के लिए दैनिक 250 रुपये की दर से मुआवजा राशि अदा की जायेगी। ईधन की राशि अलग से दी जायेगी।

मंगलवार, 28 सितंबर 2010

जदयू प्रत्याशियों को सिंबल बंटने शुरू

जनता दल(यू) ने अपने प्रत्याशियों की सूची अभी जारी नहीं की है, लेकिन उम्मीदवारों को सिंबल बांटना शुरू कर दिया है। मंगलवार को दिन भर मुख्यमंत्री निवास पर पहले दो चरणों के लिए चयनित उम्मीदवारों को सिंबल देने का सिलसिला जारी रहा। प्रत्याशियों की सूची जारी होने की प्रतिक्षा में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ शाम में जदयू कार्यालय में जमा हो गयी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पहले दो चरणों के लिए जिनके नामों का चयन किया गया है, उनमें छह मंत्री- रेणु कुशवाहा, नरेंद्र नारायण यादव, विजेंद्र यादव, हरि प्रसाद साह, रामनाथ ठाकुर और वृषिण पटेल शामिल हैं। दो सिटिंग विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है। ये सकरा से विलट पासवान और मधेपुरा से मनिंद्र कुमार मंडल है। महिलाओं में रून्नीसैदपुर से गुड्डी देवी, रूपौली से बीमा भारती और धमदाहा से लेसी सिंह चुनाव लड़ेंगी। परिसीमन के कारण बेनीपट्टी के सिटिंग विधायक शालिग्राम यादव की सीट बदलकर हरलाखी कर दी गयी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी सरायरंजन से चुनाव लड़ेंगे। जिन उम्मीदवारों के नाम तय हो चुके हैं उनमें झंझारपुर से नीतीश मिश्र, फुलपरास से सपा से जदयू में आये देवनाथ यादव की पत्‍‌नी, लौकहा से हरि प्रसाद साह, निर्मली से अनिरूद्ध यादव, सुपौल से विजेंद्र यादव, छातापुर से नीरज बब्लू, जोकीहाट से मो. तस्लीमुद्दीन के पुत्र मो. सरफराज, मधेपुरा से डॉ. रमेंद्र कुमार रवि, ठाकुरगंज से गोपाल अग्रवाल, किशनगंज से तस्लीमुद्दीन, रूपौली से बीमा भारती, धमदाहा से लेसी सिंह, आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, बिहारीगंज से रेणु कुमारी, बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर बचौल, समस्तीपुर से रामनाथ ठाकुर, विभूतिपुर से राम बालक सिंह, उज्जियारपुर से राम लखन महतो, कल्याणपुर से रामसेवक हजारी, नोखा से बैद्यनाथ सहनी, सकरा से सुरेश चंचल, दरभंगा ग्रामीण से अशरफ हुसैन, बहादुरपुर से मदन सहनी, हायाघाट से नरेंद्र सिंह, मीणापुर से दिनेश कुशवाहा, रून्नी सैदपुर से गुड्डी चौधरी, हसनपुर से राजकुमार यादव, साहेबगंज से राजू सिंह, वैशाली से वृषिण पटेल, लालगंज से मुन्ना शुक्ला की पत्‍‌नी अन्नु शुक्ला, कुढ़नी से मनोज कुशवाहा, सूरसंड से शाहिद अली खां, सरायरंजन से विजय कुमार चौधरी, विभूतिपुर से रामबालक सिंह, कल्याणपुर से रामसेवक हजारी, वारिसनगर से अशोक कुमार मुन्ना, मौरवा से बैद्यनाथ सहनी, कांटी से अजीत कुमार, बरूराज से नंद कुमार राय, घोड़ाबोराम से डा.इजहार अहमद, अलीनगर से प्रभाकर चौधरी, ढाका से फैसल रहमान, मधुबन से शिवजी राय एवं शिवहर से मो.शरफुद्दीन शामिल हैं। इनमें से अधिकांश को मंगलवार को सिंबल दे दिया गया है।

जदयू प्रत्याशियों के 26 सीटों के लिए नाम तय

जनता दल के उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच सोमवार को तीसरे राउंड की लंबी बातचीत हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रथम चरण की अपनी 26 सीटों के लिए जदयू ने प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर लिये हैं।

झंझारपुर से नीतीश मिश्र के नाम पर सहमति बनी है जबकि फुलपरास से देवनाथ यादव की पत्‍‌नी का नाम है। समाजवादी पार्टी से जदयू में आये देवनाथ यादव पर आपराधिक मुकदमा रहने के कारण उनके बदले उनकी पत्‍‌नी को प्रत्याशी बनाया जा रहा है। लौकहा से मंत्री हरि साह, किशनपुर से अनिरूद्ध यादव, सुपौल से मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, छातापुर से नीरज बब्लू, जोकीहाट से तस्लीमुद्दीन के पुत्र मो. सरफराज या मंजर आलम में से कोई, मधेपुरा से मनिंद्र मंडल, ठाकुरगंज से गोपाल अग्रवाल, किशनगंज से मो.तस्लीमुद्दीन, रूपौली से बीमा भारती, धमदाहा से लेसी सिंह, आलम नगर से मंत्री नरेंद्र नारायण यादव,बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर बचौल और बिहारीगंज से मंत्री रेणु कुशवाहा का नाम तय हुआ है। सूत्रों ने बताया कि सूची जारी होने से पूर्व दोनों शीर्ष नेताओं की एकबार फिर बैठक हो सकती है और इनमें से कुछ के नाम पर पुनर्विचार भी हो सकता है। वैसे प्रथम चरण की सभी 26 सीटों की पूरी सूची मंगलवार को जारी होगी।

सोमवार दोपहर शरद यादव ने मुख्यमंत्री श्री कुमार के साथ देर तक बैठक की जिसमें इन नामों पर सहमति बनी है। शनिवार रात्रि पटना पहुंचे शरद यादव अब तक मुख्यमंत्री के साथ तीन राउंड की बैठक कर चुके हैं। दोनों नेताओं ने एक-एक सीट पर बारीकी से विमर्श किया है। मंगलवार को प्रथम चरण में होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी।

कांग्रेस ने जारी की 77 प्रत्याशियों की सूची

देर रात सोमवार को कांग्रेस ने प्रथम चरण के 77 विधानसभा प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इनमें 22 मुसलमान और 14 महिलाएं हैं। सूची जारी होने से पहले तरह- तरह के कयास लगाये जा रहे थे और यह भी प्रचारित हुआ कि कुछ अपरिहार्य कारणों से सूची रोक ली गयी है।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक सिमरी बख्तियारपुर से चौधरी महबूब अली कैसर, कुशेश्वर स्थान से डा. अशोक राम, साहेबगंज से महाचन्द्र प्रसाद सिंह, आलमनगर से लवली आनंद, लौरिया से विश्वमोहन शर्मा और मोरवा से नागमणि कांग्रेस प्रत्याशी बनाये गये हैं। बाकी प्रत्याशियों के नाम इस तरह हैं। बाल्मीकि नगर से इरशाद हुसेन, सीतामढ़ी से रूपम यादव, बथनाहा से संजय राम, बेतिया से मदन मोहन तिवारी, रामनगर से नरेश राम, रक्सौल से रामबाबू यादव, चनपटिया से त्रिभुवन प्रसाद शर्मा, नौतन से जनमैत्री ममता, सुरसंड से बिमल शुक्ला, रीगा से अमित कुमार टुन्ना, गाजापट्टी से गजाधर ठाकुर, परिहार से परवेज आलम, हरलाखी से मोहम्मद शबीर, रानीगंज से हरिप्रसाद बैसंत्री, केसरिया से सुमित्रा देवी यादव, झंझारपुर से हरखू झा, कोचाधाम से एस. सानंद, खजौली से दीपक सिंह, जौकीहाट से ए. आलम, बोचहा से बेबी कुमारी, हथुआ से बाबू दीन खा, बाबूबरही से राजकुमार महासेठ, बहादुरगंज से टी. आलम, बरुराज से बी. महतो, राजापाकड़ से वीरचंद पासवान, लौकाहा से देवनारायण मंडल, बेनीपट्टी से भावना झा, राजनगर से राम इकबाल पासवान, अलीनगर से मदन मोहन झा, गौरा बौराम नागेश्वर पजियार, सहरसा से नीरज गुप्ता, दरभंगा नगर से कमरुल हसन, दरभंगा ग्रामीण से अब्दुल हादी सिद्दिकी, बेनीपुर से गजेन्द्र झा, बहादुर पुर से मुरारी मोहन झा, केवटी से मो. मोहसिन, मीनापुर से सकलदेव साहनी, समस्तीपुर से तरुण कुमार, पापेपुर से बबिता कुमारी, कल्याणपुर से अनिता राम, मोइद्दीनगर से सिद्धार्थ क्षत्रिय, सकरा से उमेश राम, कुरहनी से विनोद चौधरी, कांटी राइन इकबाल, बरौली से आशीष, भोरे से अनिल कुमार राम, रोसड़ा से सरिता देवी पासवान, गड़खा से रघुनंदन मांझी, अमनौर से विधान चन्द्र राय, बड़हरिया से एस.एस. सरनेहक, सोनबरसा से तारिणी ऋषिदेव, निर्मली से विजय गुप्ता, फारबिसगंज से प्रकाश चौधरी, हायाघाट से अरविन्द चौधरी, बिस्फी से अहमद हसन दुलारे, कटिहार से बिनोद यादव, बरारी से संयुक्ता सिंह, कोढ़ा से सुनीता देवी, बहादुरगंज से तौशीफ आलम, त्रिवेणीगंज से सुरेन्द्र सरदार, रुन्नीसैदपुर से मोनी गुप्ता, बेलसंड से ताहिर अनीश खान, सिकटी से सगुफ्ता अजीम, बनमनखी से शालिग्राम ऋषिदेव, प्राणपुर से अब्दुल जलील, कदवा से दिनेश इंसान, सिंहेश्वर से गणेश पासवान और किशनगंज से मो. जावेद आदि हैं।

पांच जिलों के डीएम, तीन पुलिस अधीक्षक सहित कई अधिकारी बदले

चुनाव आयोग के निर्देश पर पांच जिलों के डीएम, तीन पुलिस अधीक्षक सहित कई अधिकारी बदल दिये गये। बेतिया, मुंगेर, वैशाली, छपरा और लखीसराय में नये डीएम तथा मधुबनी, किशनगंज और नवगछिया में नये एसपी भेजे गये हैं। मगध आयुक्त, तिरहुत आईजी और बेतिया डीआईजी के पद पर नये अधिकारी भेजे गये हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के बिहार आगमन पर राजनीतिक दलों ने अफसरों की तैनाती को लेकर शिकायत की थी। समझा जाता है कि उसी आलोक में अफसरों का फेरबदल किया गया है। सूत्रों के अनुसार आयोग द्वारा नये अफसरों के लिए सीधा नाम भेजे जाने को लेकर सरकार और आयोग के बीच हल्की खींच-तान भी रही। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार सचिव कला एवं संस्कृति विवेक कुमार सिंह को मगध प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। कृषि निदेशक बी राजेन्द्र को बेतिया, निदेशक मध्याह्न भोजन (मानव संसाधन विभाग) प्रेम सिंह मीणा को मुंगेर, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह नगर आयुक्त पटना नगर निगम श्रीधर चिरीबोलू को वैशाली, अध्यक्ष बिहार राज्य पुल निर्माण निगम कुलदीप नारायण को छपरा और संयुक्त सचिव परिवहन विभाग दिवेश सेहरा को लखीसराय का जिलाधिकारी बनाया गया है। मगध आयुक्त केपी रामय्या, बेतिया डीएम देवराज देव, मुंगेर डीएम अभिजित सिन्हा, हाजीपुर डीएम मिन्हाज आलम, छपरा डीएम पंकज कुमार पाल और लखीसराय डीएम मनीष कुमार को सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। इसमें बेतिया डीएम देवराज देव तामिलनाडु, मुंगेर डीएम अभिजित सिन्हा नागालैण्ड और हाजीपुर डीएम मिन्हाज आलम केरल कैडर के अधिकारी हैं। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार तिरहुत प्रक्षेत्र के आईजी गुप्तेश्वर पांडेय को पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया है। श्री पांडेय की जगह आईजी (आर्थिक अपराध कोषांग) प्रवीण वशिष्ठ को तिरहुत प्रक्षेत्र के आईजी के रूप में पदस्थापित किया गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक, चंपारण क्षेत्र (बेतिया) उमेश कुमार को भी पुलिस मुख्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। श्री कुमार की जगह डीआईजी विशेष शाखा अनुपमा एस निलेकर को चंपारण क्षेत्र का डीआईजी बनाया गया है। एसपी (विशेष शाखा) अजिताभ कुमार को मधुबनी का नया एसपी बनाया गया है। चौरसिया चंद्रशेखर आजाद को किशनगंज से हटाकर पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया है। श्री चौरसिया की जगह पटना के रेल एसपी, पंकज कुमार राज को किशनगंज का एसपी बनाया गया है। परिवहन विभाग में पुलिस अधीक्षक, उड़नदस्ता के रूप में पदस्थापित विवेक कुमार को नवगछिया का नया एसपी बनाया गया है। बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी मिट्ठु प्रसाद फिलहाल नवगछिया में एसपी के रूप में तैनात थे। उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी सौरभ कुमार जो मधुबनी में एसपी के तौर पर पदस्थापित थे को पुलिस मुख्यालय में योगदान करने को कहा गया है।

प्रथम चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी

प्रथम चरण में बिहार विधानसभा की 47 सीटों पर चुनाव के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी। इसके साथ ही नामांकन का काम भी प्रारंभ हो गया। राज्य निर्वाचन कार्यालय पहुंची सूचना के अनुसार पहले दिन मात्र पांच लोगों के नामांकन पत्र दाखिल किये जाने की सूचना है। खजौली से एक, सुपौल से एक, लौकहा से दो और छातापुर से एक व्यक्ति ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

इधर राज्य के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी कुमार अंशुमाली ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब सिर्फ सिमरी बख्तियारपुर में अपराह्न तीन बजे तक मतदान होगा। पहले सिमरी बख्तियारपुर के साथ-साथ महिषी में भी तीन बजे तक मतदान का आदेश जारी किया गया था। नामांकन का काम आज से प्रारंभ हो गया है। 4 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। 5 को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 7 को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। 21 अक्टूबर को वोट डाले जायेंगे। मतदान का समय सुबह सात बजे से सायं सात बजे तक निर्धारित है। प्रथम चरण में एकमात्र मनिहारी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। राजनगर, त्रिवेणीगंज, रानीगंज, बनमनखी, कोढ़ा, सिंहेश्वर और सोनबरसा यानी सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

प्रथम चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी

प्रथम चरण में बिहार विधानसभा की 47 सीटों पर चुनाव के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी। इसके साथ ही नामांकन का काम भी प्रारंभ हो गया। राज्य निर्वाचन कार्यालय पहुंची सूचना के अनुसार पहले दिन मात्र पांच लोगों के नामांकन पत्र दाखिल किये जाने की सूचना है। खजौली से एक, सुपौल से एक, लौकहा से दो और छातापुर से एक व्यक्ति ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

इधर राज्य के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी कुमार अंशुमाली ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब सिर्फ सिमरी बख्तियारपुर में अपराह्न तीन बजे तक मतदान होगा। पहले सिमरी बख्तियारपुर के साथ-साथ महिषी में भी तीन बजे तक मतदान का आदेश जारी किया गया था। नामांकन का काम आज से प्रारंभ हो गया है। 4 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। 5 को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 7 को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। 21 अक्टूबर को वोट डाले जायेंगे। मतदान का समय सुबह सात बजे से सायं सात बजे तक निर्धारित है। प्रथम चरण में एकमात्र मनिहारी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। राजनगर, त्रिवेणीगंज, रानीगंज, बनमनखी, कोढ़ा, सिंहेश्वर और सोनबरसा यानी सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

रविवार, 26 सितंबर 2010

55 किलोमीटर की यात्रा चार घंटे में

सोनपुर रेलमंडल के हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर महज 55 किलोमीटर की दूरी तय करने में यात्री गाड़ियों को लगता है चार घंटे का समय। इस हालात को लेकर यात्री परेशान है लेकिन रेल अधिकारी ने इस बात को लेकर कुछ खास चिंतित नहीं दिखते है।

मालूम हो कि हाजीपुर-मुजफ्फरपुर की दूरी मात्र 55 किलोमीटर है। इतनी ही दूरी तय करने में यात्री सवारी गाड़ी को चार घंटे का समय लगता है। यात्री एक घंटे में पौने चौदह किलोमीटर की यात्रा कर पाता है। यदि आपको पटना से कोई एक्सप्रेस ट्रेन पकड़नी हो तो मुजफ्फरपुर जंक्शन से पैसेंजर ट्रेन न पकड़े। यही कारण है कि अधिकांश यात्री सड़क यात्रा ज्यादा पसंद करते है। सबसे बुरा हाल तो गाड़ी संख्या 520, एवं 521 का है। 520 हाजीपुर आने के बाद थावे के लिए रवाना होती है जबकि 521 इंटर सीटी ट्रेन के नाम से जानी जाती है। दोनों ट्रेनों को हमेशा गोरौल, भगवानपुर एवं सराय स्टेशनों पर घंटों-घंटों रोका जाता है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जब तक उक्त रेलखंड का दोहरीकरण नहीं होता है तब तक पैसेंजर ट्रेने क्या एक्सप्रेस ट्रेनें भी विलंब से चलेगी। उक्त खंड पर द्रुतगामी ट्रेनों का अत्यधिक दबाव होने के कारण पैसेंजर गाड़ियां और अधिक विलंब से चलती है। इतना ही नहीं शाम ढ़लते ही भगवानपुर एवं सराय स्टेशन अंधकार में तब्दील हो जाता है। मालूम हो कि उक्त दोनों स्टेशन आय में अव्वल है परंतु सुविधाओं की कमी यात्रियों को रूला देती है। बड़े-बड़े जेनरेटर शाम होते चलने लगते है परंतु प्रकाश व्यवस्था के नाम पर व्यवस्था शून्य। पूरा प्लेटफार्म अंधेरा में डूबा रहता है। जिससे यात्रियों को ट्रेनों पर चढ़ने उतरने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा इन समस्याओं के निदान हेतु उच्चाधिकारियों तक गुहार लगायी गयी पर नतीजा कुछ नहीं निकला। मजे की बात है कि सराय स्टेशन पर तो रैक प्वाइंट है परंतु प्रकाश व्यवस्था, पानी, शौचालय सहित विभिन्न सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां तक कि माल ढ़कने के लिए न तिरपाल है और न ही शेड है। फलत: वर्षा होने पर माल ढकने की व्यवस्था व्यापारियों को करनी पड़ती है।

चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष की उम्मीद

बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित महीने भर चलने वाला अभियान सोमवार से शुरू होगा, जिसमें नीतीश कुमार के नेतृत्व में सत्तारूढ़ जद यू-भाजपा गठबंधन, राजद-लोजपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष की उम्मीद की जा रही है।

इस वर्ष यह पहला विधान सभा चुनाव है और चुनाव आयोग कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। क्योंकि राज्य के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य के राज्यपाल देवआनंद कुंवर ने शनिवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना जारी की। राज्य में 243 सदस्यीय विधानसभा में 5.50 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इस विधानसभा का कार्यकाल 27 नवंबर को समाप्त हो रहा है। राज्य में 243 सीटों के लिए छह चरणों में चुनाव होंगे और यह 21, 24 और 28 अक्टूबर के साथ एक, नौ और 20 नवंबर को होंगे। बिहार के 33 जिलों में 47 सीटें माओवाद प्रभावित हैं।

चुनाव आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक तैनात करने का निर्णय किया है। राज्य में 38 जिले हैं। राज्य में 24 नवंबर को मतगणना होगी। बिहार विधानसभा चुनाव के साथ राज्य में बांका लोकसभा सीट पर भी एक नवंबर को उपचुनाव हो रहे हैं, जो वर्तमान सांसद दिग्विजय सिंह के निधन के कारण रिक्त है। राज्य में चुनाव के त्रिकोणीय होने की संभावना है, जहां सत्ताधारी जद यू और भाजपा का गठबंधन जारी है, जबकि इस गठबंधन को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए राजद के लालू प्रसाद ने लोजपा के रामविलास पासवान से हाथ मिलाया है। कांग्रेस ने राज्य में अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि पूर्व में वह राजद की कनिष्ठ सहयोगी की भूमिका में रहती थी। अंतिम क्षणों में रूकावटों को दूर करते हुए राजद और लोजपा के बीच गठजोड़ हुआ और यह तय किया गया कि राजद 168 सीटों पर और लोजपा 75 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। क्योंकि वह पहले ही विधान परिषद के सदस्य हैं। राजद-लोजपा गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालू प्रसाद भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस ने किसी को मुख्यमंत्री के रूप में पेश नहीं किया है। बहरहाल, विभिन्न खेमों में उम्मीदवार के चयन को लेकर जोरदार गतिविधियां चल रही हैं। हाल ही में चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य के दौरे पर गए मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सम्पन्न कराने की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया था।

नीतीश शासनकाल में अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार बुलाए गए भारतीय प्रशासनिक सेवा [आईएएस] और भारतीय पुलिस सेवा [आईपीएस] अधिकारियों को 'फील्ड पोस्टिंग' से हटाने की विपक्षी दलों की मांग के बीच चुनाव आयोग ने साफ किया है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायतें सही पाए जाने पर ही उन्हें हटाया जाएगा। बिहार के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुमार अंशुमाली ने बताया कि अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर आए, जो प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी जिलों या प्रमंडलों में पदस्थापित हैं, उन्हें तभी हटाया जाएगा जब उनके खिलाफ मिली शिकायत को सही पाया जाएगा।

गौरतलब है कि राज्य के विपक्षी दल आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नीतीश शासनकाल में दूसरे राज्यों से बुलाए गए नौकरशाहों को 'फील्ड पोस्टिंग' से हटाने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्त पर बुलाए गए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को जिलों और प्रमंडलों में तैनात कर नीतीश सरकार उनसे अपने पक्ष में काम कराना चाहती है।

दिल्ली में चुनाव आयोग के सूत्रों ने भी कुमार अंशुमाली के बयान की यह कह कर पुष्टि की 'भारत निर्वाचन आयोग का स्पष्ट मत है कि अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार के जिलों और प्रमंडलों में तैनात अधिकारियों को उनके खिलाफ किसी तरह की शिकायत सही पाए जाने पर ही हटाया जाएगा।

बीते मंगलवार को बिहार में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने भी कहा था कि इन अधिकारियों को हटाया तो नहीं जाएगा, लेकिन उन पर आयोग की 'पैनी नजर' जरूर रहेगी। फिलहाल बिहार में चार आईपीएस अधिकारी ऐसे हैं जो दूसरे कैडर है, लेकिन नीतीश सरकार उन्हें अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार लेकर आई है। इनमें तीन पुलिस उप-महानिरीक्षक [डीआईजी] जबकि एक पुलिस अधीक्षक [एसपी] स्तर के अधिकारी हैं।

विपक्षी दल जिन अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे हैं, उनमें बेतिया रेंज के डीआईजी उमेश कुमार सबसे ऊपर हैं। कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी उमेश भाजपा के वरिष्ठ नेता गंगा प्रसाद के दामाद हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्वी चंपारण के एसपी रहे उमेश पर चुनाव क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल [सीआरपीएफ] की तैनाती नहीं करने का आरोप लगाया गया था। सिक्किम कैडर के विनीत विनायक और झारखंड कैडर के पंकज दाराद 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। विनीत अभी सेंट्रल रेंज, जबकि पंकज मुजफ्फरपुर रेंज के डीआईजी हैं। नगालैंड कैडर के एक आईपीएस अधिकारी अभी जमालपुर में रेल एसपी के पद पर तैनात हैं। इसी तरह, नगालैंड कैडर के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी अभिजीत सिन्हा मुंगेर के जिलाधिकारी हैं, जबकि त्रिपुरा कैडर के 1995 बैच के आईएएस जितेंद्र कुमार सिन्हा अभी पटना के जिलाधिकारी हैं। असम कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी विनोद कुमार अररिया के जिलाधिकारी पद पर हैं। वैशाली के जिलाधिकारी मिन्हाज आलम केरल कैडर, जबकि गया के जिलाधिकारी उड़ीसा कैडर के आईएएस हैं। तमिलनाडु कैडर के आईएएस देव राज देव अभी पश्चिमी चंपारण के जिलाधिकारी पद पर हैं।

बुधवार, 22 सितंबर 2010

चुनाव की तारीखों में परिवर्तन नहीं: कुरैशी

छठ पर्व और बाढ़ के बावजूद बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। चुनावी तैयारी की समीक्षा के लिए तीन दिवसीय दौरे पर आए मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि पांचवें चरण का मतदान नौ नवंबर को दीपावली और छठ के बीच है। यह तारीख अच्छी तरह विचार करके तय की गई है। इसमें परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है। गोपालगंज और करीबी इलाकों में बाढ़ से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि चार-पांच दिनों में बाढ़ का पानी उतर जाता है, तो ठीक अन्यथा जरूरी हुआ तो बूथों का लोकेशन बदला जाएगा या मोबाइल बूथ के इंतजाम किये जाएंगे। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ी तो मतदान की तारीख में परिवर्तन से परहेज नहीं। मंगलवार को दिल्ली रवाना होने से पूर्व कुरैशी ने कहा कि चुनाव को लेकर हमारी तैयारी पूरी है। कड़ी सुरक्षा के बीच चुनाव कराए जाएंगे। फोर्स की कमी नहीं है। नक्सल प्रभावित इलाकों में भी सुरक्षित मतदान की मुकम्मल व्यवस्था है। मतदान को प्रभावित करने वाले दबंगों की पहचान के लिए हर बूथ का नक्शा बनाया गया है। लोगों को डराने-धमकाने वालों पर कड़ी नजर रहेगी।

रविवार, 19 सितंबर 2010

हाई कोर्ट अब साढ़े दस बजे खुलेगा

पटना उच्च न्यायालय अब पुराने समय पर ही चलेगा। पुरानी समय सारणी के अनुसार हाईकोर्ट की न्यायिक कार्यवाही 10.30 बजे से शुरू होगी। 1.30 बजे भोजनावकाश होगा। 45 मिनट के भोजनावकाश के बाद 2.15 से दूसरे सत्र के लिए कोर्ट बैठेगा। जो 4.15 बजे तक चलेगा। वकील संगठनों के आग्रह पर पटना हाईकोर्ट की स्टैंडिंग कमेटी ने सर्वसम्मति से अदालत की कार्यावधि में परिवर्तन कर दिया है। अधिसूचना जारी होते ही नयी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। मालूम हो कि इन दिनों 10.15 से कोर्ट का कार्य शुरू होता है और यह 4.30 बजे तक चलता है।

बिहार में करंट से सात की मौत

सारण जिले के दरियापुर थाना क्षेत्र के मानपुर लोहा टोली में शनिवार की देर शाम 11 हजार वोल्ट का बिजली का तार गिरने से सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दो बच्चियां व पांच पुरुष शामिल हैं। जबकि दो दर्जन से अधिक लोग झुलस गए। जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ये लोग विश्वकर्मा पूजा के बाद विसर्जन के लिए पंडाल से मूर्ति बाहर निकाल रहे थे। इसी समय आई तेज आंधी से 11 हजार वोल्ट का बिजली का तार टूटकर गिर गया। जिससे सात लोगों की झुलसने से तत्काल ही मौत हो गई।

मंगलवार, 7 सितंबर 2010

बिहार विधानसभा चुनाव में चरणवार निर्वाचन क्षेत्रों के नाम

छह चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में चरणवार निर्वाचन क्षेत्रों के नाम इस प्रकार है-

21 अक्टूबर को पहले चरण में कुल 47 सीट: (1) हरलखी, (2) बेनीपट्टी, (3) खजौली, (4) बाबुबरही, (5) बिस्फी, (6) मधुबनी, (7) राजनगर (अनुसूचित जाति), (8) झंझारपुर, (9) फुलपरास, (10) लौकहा, (11) निरमली, (12) पिपरा, (13) सुपौल, (14) त्रिवेणीगंज (अनुसूचित जाति), (15), छातापुर, (16) नरपटगंज, (17) रानीगंज (अनुसूचित जाति), (18) फारबिसगंज, (19) अररिया, (20) जोकीहाट, (21) सिकटी, (22) बहादुरगंज, (23) ठाकुरगंज, (24) किशनगंज, (25) कोचाधमन, (26) अमौर, (27) बैसी, (28) कासबा, (29) बनमनखी (अनुसूचित जाति), (30) रूपौली, (31) धमदाहा, (32) पूर्णिया, (33) कटिहार, (34) कदवा, (35) बलरामपुर, (36), प्राणपुर, (37) मनीहारी (अनुसूचित जनजाति), (38) बरारी, (39) कोरहा (अनुसूचित जाति), (40) आलमनगर, (41) बिहारीगंज, (42) सिंहेश्वर (अनुसूचित जाति), (43) मधेपुरा, (44) सोनबरसा (अनुसूचित जाति), (45) सहरसा, (46) सिमरी बख्तियारपुर, (47) महिसी.

24 अक्टूबर को दूसरे चरण में 45 सीट: (1) शिवहर, (2) रीगा, (3) बथनाहा (अनुसूचित जाति), (4) परिहार, (5) सुरसंड, (6) बजपट्टी, (7) सीतामढी, (8) रून्नीसैदपुर, (9) बेलसंड, (10) कुशेश्वर स्थान (अनुसूचित जाति), (11) गौरा बौराम, (12), बेनीपुर, (13) अलीनगर, (14) दरभंगा ग्रामीण, (15) दरभंगा, (16) हयाघाट, (17) बहादुरपुर, (18) किओटी, (19) जाले, (20) गायघाट, (21) औराई, (22) बोचहां (अनुसूचित जाति), (23) सकरा (अनुसूचित जाति), (24) कुढनी, (25) मुजफ्फरपुर, (26) कांटी, (27) बरूराज, (28) कल्याणपुर (अनुसूचित जाति), (29) वारिसनगर, (30) समस्तीपुर, (31) उजियारपुर, (32) मोरवा, (33) सराईरंजन, (34) मोइउद्दीननगर, (35) विभूतिपुर, (36) रोसड़ा (अनुसूचित जाति), (37) हसनपुर, (38) नरकटिया, (39) पिपरा, (40) मधुबन, (41) चिड़ैया, (42) ढाका, (43) मीनापुर, (44) पारू, (45) साहबगंज।

28 अक्टूबर को तीसरे चरण में 48 विधानसभा क्षेत्र: (1) नरकटियागंज, (2) बाघा, (3) लौरिया, (4) नौटन, (5) चनपटिया, (6) बेतिया, (7) सिकटा, (8) रक्सौल, (9) सुगौली, (10) हरसिद्धी (अनुसूचित जाति), (11) गोविंदगंज, (12) केसरिया, (13) कल्याणपुर, (14) मोतिहारी, (15) बैकुंठपुर, (16) बरौली, (17) गोपालगंज, (18) कुचईकोट, (19) भोरे (अनुसूचित जाति), (20) हथुआ, (21) सिवान, (22) जीरादेई, (23) दरौली (अनुसूचित जाति), (24) रघुनाथपुर, (25) दरौंधा, (26) बरहरिया, (27) गोरियाकोठी, (28) महाराजगंज, (29) एकमा, (30) मांझी, (31) बनियापुर, (32) तरैया, (33) मरहौरा, (34) छपरा, (35) गरखा (अनुसूचित जाति), (36) अमनौर, (37) परसा, (38) सोनपुर, (39) हाजीपुर, (40) लालगंज, (41) वैशाली, (42) महुआ, (43) राजा पाकड़ (अनुसूचित जाति), (44) महनार, (45) बाल्मिकीनगर, (46) रामनगर (अनुसूचित जाति), (47) राघोपुर, (48) पातेपुर (अनुसूचित जाति).
1 नवंबर को चौथे चरण में 42 विधानसभा क्षेत्र: (1) चेरिया बरियारपुर, (2) बछवाड़ा, (3) तेघरा, (4) मतिहनी, (5) साहेबपुर कमल, (6) बेगुसराय, (7) बखरी (अनुसूचित जाति), (8) खगड़िया, (9) बेल्दौर, (10) परबत्ता , (11) लखीसराय, (12) मुंगेर, (13) बिहपुर , (14) गोपालपुर, (15) पीरपैंती (अनुसूचित जाति), (16) कहलगाव, (17) भागलपुर, (18) सुल्तानगंज, (19) नाथनगर, (20) मोकामा, (21) बाढ़, (22) बख्तियारपुर, (23) दीघा, (24) बांकीपुर, (25) कुम्हरार, (26) पटना साहिब, (27) फतुहा, (28) दानापुर, (29) मनेर, (30) अमरपुर, (31) घौरैया (अनुसूचित जाति), (32) बांका, (33) अलौली (अनुसूचित जाति), (34) सूर्यगढा, (35) तारापुर, (36) जमालपुर, (37) कटोरिया (अनुसूचित जनजाति), (38) बेल्हर, (39) सिंकदरा (अनुसूचित जाति), (40) जमूई, (41) झाझा, (42) चकाई।

9 नवंबर को पांचवे चरण में 35 विधानसभा सीट: (1) संदेश, (2) बरहरा, (3) आरा, (4) अगिआव (अनुसूचित जाति), (5) तरारी, (6) जगदीशपुर, (7) शाहपुर, (8) हिसुआ, (9) नवादा, (10) वारसलीगंज, (11) गया शहर, (12) बेलागंज, (13) अटरी, (14) वजीरगंज, (15) शेखपुरा, (16) बरबीघा, (17) आस्थावान, (18) बिहारशरीफ, (19) राजगीर (अनुसूचित जाति), (20) इस्लामपुर, (21) हिलसा, (22) नालंदा, (23) हरनौत, (24) रजौली (अनुसूचित जाति), (25) गोविंदपुर, (26) अरवाल, (27) कुरठा, (28) जहानाबाद, (29) घोसी, (30) मखदुमपुर (अनुसूचित जाति), (31) बोध गया (अनुसूचित जाति), (32) फुलवारी (अनुसूचित जाति), (33) मसौढी (अनुसूचित जाति), (34) पालीगंज, (35) विक्रम.

20 नवंबर को छठे चरण में 26 विधानसभा क्षेत्र: (1) ब्रह्मपुर, (2) बक्सर, (3) डूमरांव, (4) राजपुर (अनुसूचित जाति), (5) रामगढ़, (6) मोहनिया (अनुसूचित जाति), (7) करगहार, (8) नोखा, (9) ओबरा, (10) औरंगाबाद, (11) भभूआ, (12) चैनपुर, (13) चेनारी (अनुसूचित जाति), (14) सासाराम, (15) दीनारा, (16) देहरी, (17) काराकाट, (18) गोह, (19) नबीनगर, (20) कुतुंबा (अनुसूचित जाति), (21) रफीगंज, (22) गुरूआ, (23) शेरघाटी, (24) इमामगंज (अनुसूचित जाति), (25) बाराचट्टी (अनुसूचित जाति), (26) टिकरी.