रविवार, 9 जनवरी 2011

31 दिसम्बर को विपीन ठहरा था सिल्लीगुड़ी में

पूर्णिया के विधायक राजकिशोर केसरी के समर्थक विपीन राय ने साल के अंतिम दिन सिल्लीगुड़ी में बिताया था। मगर वहां वह किसके साथ ठहरा था यह सवाल बना हुआ है। विपीन के 31 दिसम्बर 2010 को सिल्लीगुड़ी में होने का खुलासा मोबाइल टावर लोकेशन से हुआ है। रूपम के मोबाइल प्रिंट आउट से इस बात का भी खुलासा किया है कि चार जनवरी को लगभग नौ बजे उसने विपीन राय के मोबाइल पर फोन किया। लेकिन विपीन राय ने रूपम पाठक के काल को रिसीव नहीं किया। विपीन राय की इसके पूर्व रूपम पाठक से कई बार फोन पर बात हुई है लेकिन उस दिन विपीन राय द्वारा रूपम पाठक का मोबाइल फोन नहीं उठाना महज एक इत्तेफाक है या साजिश यह एक सवाल बना हुआ है। कहीं विपीन राय रूपम पाठक के मिजाज को भांप तो नहीं गया था? अक्सर विधायक के आवास पर जाने वाला विपीन राय चार जनवरी को भी घटना के वक्त विधायक आवास पर मौजूद नहीं था? जबकि पूर्णिया में रहने के बाद वह अक्सर विधायक के आवास पर वह भी सुबह के वक्त जरूर रहा करता था। रूपम पाठक ने भी पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके निशाने पर मुख्य रूप से विधायक का सहयोगी विपीन राय था। उसको फोन कर अपने घर बुलाने तथा इसके बाद विधायक आवास पर उसे खोजने के बाद ही उसने विधायक की चाकू मारकर हत्या की। रूपम यह भी दावा कर रही है कि विपीन राय ने ही उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया। वह जब कभी भी उससे मिलने के लिये आता था अपने साथ किसी न किसी नये आदमी को साथ लाता था। हम चाहकर भी उसका विरोध नहीं कर पाते थे। कुछ भी कहने के बाद वह हमें पूरी तरह से बदनाम करने की धमकी दिया करता था। रूपम ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि उसके द्वारा यौन- शोषण का मामला दर्ज कराये जाने के बाद उसके ऊपर काफी दवाब डाला गया। सामाजिक स्तर पर हो रही बदनामी और अपने परिवार की चिंता को देखते हुए हमने मामला वापस ले लिया लेकिन इसके बाद तो विपीन राय द्वारा परेशान करने की सारी हदें पार कर दी गयी। रूपम कहती है कि वह इस कदर टूट चुकी थी की उसे आगे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। रूपम ने पुलिस को बताया कि विपीन अक्सर उसपर गलत दवाब डालकर कई गलत कार्य करने के लिये मजबूर करता था।

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