शनिवार, 8 जनवरी 2011

सीबीआई जांच में खुलेगा राज, कई चेहरे होंगे बेनकाब

पूर्णिया। सदर विधायक हत्याकांड की सीबीआई जांच से कई राज खुलेंगे और कई सफेदपोश चेहरे बेनकाब होंगे। जांच में यह राज भी खुलेगा कि आखिर किन परिस्थितियों में रूपम ने यह आत्मघाती कदम उठाया। दूसरी ओर सीबीआई जांच की घोषणा होते ही शहर का राजनीतिक तापक्रम अचानक ही बढ़ गया है।

जानकारी अनुसार विधायक राजकिशोर केसरी हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की सरकार ने घोषणा कर दी है। इस घोषणा के साथ ही इस मामले के रहस्य पर से पर्दा उठने की उम्मीद भी बंध गयी है। इस हत्याकांड ने कई सवालों को जन्म दिया था। इन सवालों का कोई जबाव नहीं मिल पा रहा था। रूपम पाठक, विपिन राय और नवलेश पाठक सहित पुलिस की खामोशी से कई सवाल पैदा हो रहे थे। मसलन जब रूपम पाठक ने यौन शोषण का मामला दर्ज करवाया था तो फिर आखिर किस दबाव में सीजेएम के सामने धारा 164 के बयान में वो क्यों मुकर गयी। यदि उस पर दवाब नहीं था तो आखिर क्यों उसने प्रोटेस्ट पीटिशन कोर्ट में दाखिल किया। यौन शोषण यदि इतने सालों से चल रहा था तो आखिर चार जनवरी को ही विधायक की हत्या क्यों हो गयी। इसका तात्कालिक कारण क्या था। वहीं नवलेश पाठक की गिरफ्तारी ने भी कई सवालों को जन्म दिया। पत्रकार नवलेश को सिर्फ को साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार करने की बात पुलिस कहती रही। लेकिन सिर्फ इसलिए कि वो रूपम पाठक और विधायक के संपर्क में था और उनसे मोबाइल पर बात किया करता था। इस हत्याकांड में कई लोगों के पर्दे के पीछे होने की बात सामने की चर्चा आम जुबान पर रही है। इसमें पूर्णिया से लेकर पटना के बड़े लोगों की चर्चा होती रही है। सीबीआई जांच में इन बातों पर से भी पर्दा उठने की संभावना बनी है। जैसे-जैसे सीबीआई की जांच आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे कई चेहरे पर से नकाब उठने के कयास लगाये जा रहे हैं।

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