बुधवार, 24 नवंबर 2010

बिहार में फिर नीतीश राज

बिहार में विकास की प्रबल जनाकांक्षा ने जाति और धर्म की बाड़ को काफी हद तक तोड़ दिया और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू-भाजपा गठबंधन को विधानसभा चुनाव में तीन चौथाई बहुमत मिलता दिखाई पड़ रहा है। अब तक घोषित परिणामों में से 175 सीटें गठबंधन के पक्ष मे जा चुकी हैं और करीब 40 पर आगे है। पिछले चुनावों में उसे राज्य की 243 में से 143 सीटें मिली थीं।

लालू प्रसाद के राजद और उनके गठबंधन सहयोगी रामविलास पासवान की लोजपा की सीटें पहले की 64 की तुलना में आधी भी बचती हुई नजर नहीं आ रही हैं। अपना सूपड़ा साफ करने वाले इन चुनाव परिणामों को राजग-लोजपा गठबंधन ने ‘रहस्यमयी’ बताते हुए संशय खड़ा किया है।

चुनाव परिणाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देने वालों में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह भी शामिल हैं, वहीं लालू प्रसाद ने नीतीश को बधाई दी पर कहा कि मैं भाजपा को बधाई नहीं दूँगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन सरकार शुक्रवार को शपथ ग्रहण के साथ अपनी दूसरी पारी शुरू करेगी।

राजद-लोजपा गठबंधन के कई धुरंधर चुनावी समर में धराशायी हुए। यहाँ तक कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ीदेवी सोनपुर और राघोपुर सीट चुनाव हार गई हैं। पासवान के भाई रामचंद्र पासवान कुशेश्वरस्थान क्षेत्र से पाँच हजार से ज्यादा मतों से परास्त हुए।

अब तक के नतीजों के अनुसार सत्तारूढ़ राजग ने विपक्षी दलों को हाशिए पर धकेल दिया है और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी राजद लोजपा गठबंधन को सिर्फ 18 सीटें मिली हैं तथा नौ अन्य सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। राजद लोजपा गठबंधन को पिछली बार 64 सीटें थीं।

कांग्रेस के लिए भी चुनावों में जोरदार झटका लगा है। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, संप्रग और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी एवं महासचिव राहुल गाँधी के प्रयासों के बावजूद उसे पिछली बार नौ सीटों की तुलना में अब तक सिर्फ चार सीटों पर ही जीत मिली है और एक पर वह आगे है। यहाँ तक कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर सिमरी बख्तियारपुर से 18 हजार से ज्यादा मतों से मात खा गए। भाकपा को एक सीट पर विजयश्री नसीब हुई है।

चुनावी नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि वे वह इसे अपनी या अपने गठबंधन की जीत के तौर पर नहीं लेते बल्कि यह बिहार के लोगों की जीत है।

चुनावों के नतीजों के बाद जहाँ जदयू एवं भाजपा के स्थानीय एवं दिल्ली स्थित कार्यालयों में जश्न का माहौल था, वहीं राजद और कांग्रेस सहित कई दलों के कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ था। राजद के खेमे में पूरी तरह वीरानगी नजर आई और इक्का-दुक्का लोग ही वहाँ दिख रहे थे। नतीजों से जदयू एवं भाजपा के नेता उत्साहित दिखे और उनके चेहरों पर खुशी साफ दिख रही थी।

राजग को मिली अभूतपूर्व सफलता से प्रसन्न जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि चुनाव का यह नतीजा राज्य में पिछले पाँच सालों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा लागू किए गए सामाजिक, आर्थिक विकास कार्यक्रमों का नतीजा है।

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि चुनाव परिणाम 21वीं सदी में भारतीय राजनीति की दिशा तय करेंगे। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की राजनीति प्रगति और विकास की राजनीति होगी, जहाँ जाति आधारित राजनीति का कोई स्थान नहीं होगा।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि यह अभूतपूर्व जीत है। हमें उम्मीद है कि पूरा देश अब बिहार का अनुसरण करेगा। भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि चुनाव परिणामों ने जाहिर किया है कि बिहार की राजनीति बदली है और ‘परिवार या करिश्मा’ से चुनाव नहीं जीता जा सकता।

जदयू नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि चुनाव में जीत का श्रेय निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है क्योंकि वे राज्य में गठबंधन के नेता हैं।

गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बिहार में विकास के सवाल को जनता ने स्वीकार किया है। हम सब खुश हैं। हम नीतीश कुमार के साथ जदयू और भाजपा दोनों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देते हैं।

कांग्रेस महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी मुकुल वासनिक ने चुनाव परिणामों को पार्टी की अपेक्षा के प्रतिकूल बताया और पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदारी स्वीकार की।

इस बीच प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रत्याशी राबड़ी देवी सोनपुर और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से पराजित हो गईं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में जदयू के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार से हार गए, जबकि कांग्रेस के चर्चित नेता सदानंदसिंह कहलगाँव से विजयी हुए हैं।

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