गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

तीसरे चरण में 54 प्रतिशत वोट पड़े

बिहार विधानसभा की 48 सीटों के लिए व्यापक सुरक्षा के बीच गुरुवार को शांतिपूर्ण मतदान हुआ। मतदान के तीसरे चरण में भी मतदाताओं का उत्साह बरकरार रहा और 54 प्रतिशत वोट पड़े। बिहार में अभी तक आधी से ज्यादा सीटों पर मतदान हो चुका है। बढ़े मतदान प्रतिशत से सभी दलों की आशाएं उछाल मार रही हैं। हर दल अपने पक्ष में इसका आकलन कर रहा है। सत्ताधारी जदयू महिलाओं की बढ़ी भागीदारी अपने हित में मान रहा है। विपक्ष का मानना है कि ज्यादा मतदान सत्ता के विरोध में ही होता है।

बिहार की 243 सीटों में 140 सीटों पर मतदान हो चुका है। हर चरण में 53 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। गुरुवार को तीसरे चरण में 54 फीसदी मतदान हुआ, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 47.3 फीसदी और लोकसभा चुनाव में 43.8 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव आयोग इस वृद्धि को अपनी कोशिश का नतीजा मानता है।अभी तीन चरणों में 103 सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं।

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

बिहार में 48 सीटों के लिए आज थमेगा प्रचार

विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को शाम आठ जिलों की 48 सीटों पर चुनावी प्रचार का शोर थम जायेगा। यहां 28 अक्टूबर यानी गुरुवार को वोट डाले जायेंगे। तीसरे चरण में 785 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 65 महिलाएं हैं।

राज्य के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी कुमार अंशुमाली ने बताया कि रक्सौल में सबसे कम 7 और महुआ में सबसे अधिक 31 उम्मीदवार हैं। 19 क्षेत्रों में 16 से अधिक प्रत्याशी हैं। सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। जबकि तीन सीटों पर मतदान 3 बजे तक ही होगा। हरसिद्धि, भोरे, दरौली, गरखा, राजापाकड़, रामनगर और पातेपुर यानी सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। पातेपुर, वाल्मीकिनगर और रामनगर में मतदान सुबह सात बजे से तीन बजे तक होगा जबकि अन्य सीटों पर पांच बजे तक। पूर्वी चंपारण में 7, प.चंपारण में 9, गोपालगंज में 6, सिवान में 8, सारण में 10 तथा वैशाली जिले में 8 विधानसभा सीटों पर तीसरे चरण में चुनाव हो रहा है। इस चरण में 1 करोड़ 3 लाख 76 हजार 22 मतदाता 10814 बूथों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। 1500 से अधिक वोटर वाले बूथों के लिए 413 सहायक मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। इस चरण में मतदान की खातिर 11945 कंट्रोल यूनिट और 16671 बैलेट यूनिट का इस्तेमाल किया जायेगा।

इन सीटों के लिए पड़ेंगे वोट: एक नजर

वाल्मीकिनगर, रामनगर , नरकटियागंज, बगहा, लौरिया, नौतन, चनपटिया, बेतिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, हरसिद्धि , गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, मोतिहारी, बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे , हथुआ, सिवान, जीरादेई, दरौली , रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गोरियाकोठी, महाराजगंज, एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा (अ.जा.), अमनौर, परसा, सोनपुर, हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजापाकड़ (अ.जा.), राघोपुर, महनार और पातेपुर (अ.जा.)

सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

नीतीश-लालू के बीच सीधी बहस हो--आडवाणी

हाजीपुर। पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अमेरिका की तरह भारत में भी नेताओं के बीच सीधी बहस कराए जाने की वकालत करते हुए सोमवार को कहा कि अच्छा होता बिहार की जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को एक ही मंच से सीधी बहस करते देखती।

पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया और वैशाली के हाजीपुर में अलग-अलग सभाओं को संबोधित करते हुए आडवाणी ने अमेरिका की तर्ज पर चुनाव के दौरान देश में भी नेताओं के बीच सीधी बहस कराए जाने की वकालत करते हुए कहा कि अच्छा होता बिहार की जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद को एक ही मंच से सीधी बहस करते देखती।

आडवाणी ने कहा कि अगर लालू को नीतीश के साथ बहस करने से संकोच हो तो भाजपा सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद के साथ सीधी बहस कर सकते हैं।

आडवाणी ने टीवी पर निक्सन एवं कैनेडी की सीधी बहस का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से अमेरिका में टीवी पर वहां के नेताओं के बीच सीधी बहस होती है कितना अच्छा होता अगर उसी प्रकार से यहां भी होने लगे।

टीवी समाचार चैनलों की बढ़ती संख्या पर खुशी जताते हुए आडवाणी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय उम्मीदवारों के बीच भी एक मंच पर आमने सामने की सीधी बहस होनी चाहिए थी।

लोकतंत्र में चुनावी सभाओं के स्वरूप में बदलाव की आवश्यकता जताते हुए आडवाणी ने कहा कि देश का संविधान बनने के बाद वर्ष 1952 में पहला चुनाव हुआ उसके बाद से लेकर अगले चार चुनावों तक लोकसभा और देश के सभी विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ होते रहे। लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि निर्धारित अवधि के अनुसार 1972 में लोकसभा के चुनाव होने थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में ही लोकसभा को भंग कर चुनाव करवा दिए, जिसके बाद से लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग होने लगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा संविधान की धारा 356 का केंद्र द्वारा बार बार दुरुपयोग करते हुए कई प्रदेशों की सरकारों को भंग किया जाता रहा।

आडवाणी ने कहा कि धीरे-धीरे ऐसी स्थिति आ गई है कि कभी लोकसभा का चुनाव होता है तो कभी विधानसभाओं का और पूरे समय देश की जनता चुनाव में लगी रहती है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति न तो राजनीति, प्रशासन के दृष्टिकोण से और न ही मतदाताओं के लिए। आडवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री से कुछ दिन पहले उनकी जो मुलाकात हुई थी उसमें उन्होंने उनसे कहा था कि देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ होने चाहिएं।

लोगों से भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राजग सरकार को पांच साल मौका दिए जाने की दुहाई देकर अगर लालू जी लोगों से वोट मांगते हैं तो राजग के नेता उनसे सीधे तौर पर यह कह सकते हैं कि आपको जनता ने 15 साल का मौका दिया और उसके बाद सत्ता से बेदखल क्यों कर दिया।

आडवाणी ने आरोप लगाया कि यहां की पिछली सरकार के बारे में उन्हें अक्सर यह सुनने को मिला कि उसके शासनकाल में अपहरण एक व्यवसाय बन गया था और उसमें तत्कालीन सरकार स्वयं भागीदार बनी हुई थी। उन्होंने कहा कि जब से यहां नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार सत्ता में आई तब से इस पर रोक लगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेज जब देश छोड़कर गए थे तो बिहार की यह स्थिति नहीं थी और यह प्रदेश प्रशासनिक दृष्टिकोण से सबसे बढि़या राज्य माना जाता था पर धीरे-धीरे यहां अपराध बढ़ता गया और इसमें उस समय और भी वृद्धि हुई जब विभिन्न पार्टियों ने अपराधी छवि वाले लोगों को चुनाव मैदान में उतारकर विधानसभा भेजना शुरू कर दिया।

आडवाणी ने राज्य की जनता का आह्वान किया कि वह 21वीं शताब्दी को भारत की शताब्दी बनाने का संकल्प लें और बिहार के विकास और बेहतर शासन के लिए राज्य में अगली सरकार राजग की बनाएं।

बिहार राजनीति की छह सूत्री हकीकत

- योगेन्द्र यादव (वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक)
छह चरणों के चुनाव का जायजा छह दिन में लगा लेना तो किसी के बस की बात नहीं है। अब तक दो चरण हो चुके हैं और चुनाव प्रक्रिया के बीचोबीच चुनावी परिणाम का आकलन करने का यहाँ कोई इरादा नहीं है।

यूँ भी सीटों की चुनावी भविष्यवाणी से तौबा कर चुका हूँ। लेकिन छह चरण के इस चुनाव के बहाने बिहार की बदलती राजनैतिक हकीकत के बारे में छह दिन में जो सीख पाया उसके छह सूत्र पेश कर रहा हूँ।

पहला सूत्र: बिहार के विकास की बात करना अभी जल्दबाजी है लेकिन विकास की आस जरूर बंधी है।

पिछले पाँच साल में बिहार के चहुँमुखी विकास के दावे बेशक अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। आर्थिक वृद्धि के आँकड़े जरूर भ्रामक हैं। लेकिन जिसे आमतौर पर विकास कहा जाता है (इस बिजली, पानी, सड़क केंद्रित धारणा को 'बिपास' कहें तो बेहतर होगा) उसके कुछ पहलुओं में पिछले पाँच साल में आशातीत बदलाव हुआ है।

राज्य के हर कोने में सड़कों का कायापलट हो गया है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर जाने लगे हैं और मरीज भी। स्कूलों में अध्यापक बढे़ हैं और बच्चों को मिलने वाली सुविधाएँ भी। यह बदलाव सिर्फ पटनाClick here to see more news from this city या चंद शहरी इलाकों में ही नहीं, कमोबेश पूरे राज्य में हुआ है।

इसका मतलब यह नहीं कि शिक्षा का स्तर या सेहत सुधर गई है। गरीबी और बदहाली मिटने की तो बात ही छोड़िए, बिजली, उद्योग और रोज़गार के अवसर अभी जस के तस हैं। नए शिक्षकों की गुणवत्ता से हर कोई नाराज है, सड़कों में भी बहुत काम बाकी है।

लेकिन तीन दशक के बाद बिहार में आस लौटी है।

दूसरा सूत्र: सुशासन अभी दूर की कौड़ी है लेकिन शासन वापस आया है। औरत-मर्द, गरीब-अमीर, अगड़ा-पिछड़ा हर कोई मानता है कि दबंगई, रंगदारी, अपहरण और बाहुबल के जोर से बेगार पहले से बहुत घटे हैं।

लालू-राबड़ी राज के अंतिम दिनों का ‘अंधेर नगरी चौपट राजा वाला’ माहौल खत्म हुआ है। भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ, शायद पहले से कुछ बढ़ा ही है। लेकिन जनता को भरोसा है कि नीतीश कुमार अब इस पर कुछ करेंगे।

फिलहाल जनता चुनाव से पहले कुछ दबंग नेताओं से नीतीश कुमार के समझौते को नजरंदाज करने को तैयार है। बढ़ती अफसरशाही झेलने को तैयार है।

अगर सुशासन जनकल्याण के लिए और जनता के प्रति जवाबदेह सरकार का नाम है तो बाकी देश की तरह बिहार उससे कोसों दूर है। बस कोई पच्चीस-तीस साल बाद (जगन्नाथ मिश्र के कांग्रेस राज में शुरू हुए युग के बाद से) शासन वापस आया है, सरकार दिखने लगी है।

तीसरा सूत्र: मीडिया निष्पक्ष भले ही न हो, लेकिन उसकी कही हर बात झूठ नहीं है। विकास और सुशासन के नाम पर प्रचार के चलते बिहार का मीडिया सत्तारूढ़ सरकार के साथ खड़ा नजर आता है।

अपनी छवि के प्रति अति-सजग नीतीश कुमार सरकार के जरिए प्रत्यक्ष-परोक्ष तरीकों से मीडिया को नियंत्रित करने की कोशिशें जानकार लोगों से छुपी नहीं हैं।

यूँ भी बिहार की मीडिया पर आज भी अगड़ी जातियों का वर्चस्व है। उनके स्वार्थ और पूर्वाग्रह नीतीश सरकार से जुड़े हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि नीतीश के पक्ष में जाने वाली हर खबर झूठी है।

पिछले चुनावों में मीडिया की तस्वीर और गरीब-गुरबा के जनमत से उभरने वाली छवि दो विपरीत संकेत देती थीं। इस बार ऐसा दिखाई नहीं देता।

चौथा सूत्र: जाति का चश्मा हटा नहीं है, लेकिन उसका नंबर बदल गया है। बाकी देश की तरह जाति बिहार के समाज, राजनीति और मन में बसी है। आम वोटर नेताओं, पार्टियों और सरकार को जाति के चश्मे से देखता रहा है। इस बार भी देखेगा।

फर्क यही है कि पहले किसी भी सरकार से कामकाज की संभावना इतनी दूरस्थ थी कि जाति के चश्मे से अपने स्वजातीय उम्मीदवार और नेता के सिवा और कुछ दिखता ही नहीं था।

अब यह संभावना नजदीक के चश्मे से भी दिखने लगी है। समाज में जातीय समीकरण पलटने से इस चश्मे का नंबर भी बदला है। अगड़ों में नीतीश के प्रति अनुराग कम होने की भरपाई अति-पिछड़ों के जबरदस्त समर्थन और महादलित और पसमांदा मुसलमानों में सेंध से हो सकती है।

उधर राजद-लोजपा गठबंधन के पक्ष में यादव और पासवान जाति का ध्रुवीकरण पहले से ज्यादा हुआ है, लेकिन बाकी सब तरफ उन्हें नुकसान हो सकता है।

पाँचवाँ सूत्र: लालू का सूरज डूबा नहीं हैं, लेकिन यह चुनाव नीतीश के इर्द-गिर्द हो रहा है। लालू प्रसाद यादव बिहार में सामाजिक क्रांति के अगुवा रह चुके है। पिछड़े और गरीब आज भी उन्हें स्नेह और सम्मान से देखते हैं।

लेकिन जिस आवाज का उठना लालू प्रसाद ने संभव बनाया, आज नीतीश कुमार उस आवाज को सुनने और उसकी अपेक्षाएँ पूरी करने के प्रतीक बन रहे हैं।

इस लिहाज से यह चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व के इर्द-गिर्द सिमट रहा है। उनके आभामंडल के सामने उनका अपना दल छोटा पड़ रहा है। भाजपा और राजग तो कहीं चर्चा में भी नहीं हैं।

छठा सूत्र: चुनाव पूरे हो जाएँगे लेकिन असली चुनौती अब शुरू होती है। पिछली बार जदयू-भाजपा गठबंधन लालू-राबड़ी राज के विरुद्ध आक्रोश के बल पर सत्ता पा गया था। इस बार अगर उनकी सत्ता में वापसी होती है तो उस जनादेश के साथ जनाकाँक्षाएँ भी जुडी होंगी।

इस बार लोग न्यूनतम से संतुष्ट नहीं होंगे। सिर्फ अध्यापकों की बहाली नहीं, बल्कि शिक्षा माँगेगे। रंगदारी घटने भर से खुश नहीं होंगे, दैनंदिन भ्रष्टाचार का ख़ात्मा चाहेंगे।

पूछेंगे कि इन सड़कों पर चलकर हम कहाँ जाएँ? बदहाली से छुटकारा चाहेंगे। रोजगार माँगेगें। अमन के साथ साथ इंसाफ भी माँगेगे।

नीतीश की राजनैतिक चुनौती वहाँ शुरू होगी। उन्हें सोचना पड़ेगा कि क्या बिहार का विकास महाराष्ट्र और पंजाब की नक़ल से किया जा सकता है या नहीं। पूछना होगा कि परिवर्तन कि राजनीति कहाँ तक अफसरशाही के सहारे की जा सकती है। बटाईदार ही नहीं पूरे भूमि के सवाल पर एक राय बनानी पड़ेगी।

बिहार का यह चुनाव बचपन में पढ़ी बाबा खड्ग सिंह की कहानी याद दिलाता है। अगर नीतीश कुमार इस बार चुनाव नहीं जीतते तो बिहार में कोई सरकार फिर कभी सड़कें नहीं बनाएगी। विकास और सुशासन का नाम भी नहीं लेगी।

लेकिन साथ ही साथ यह चुनाव रेणु की कालजयी कृति 'मैला आँचल' की भी याद दिलाता है। अगर नीतीश चुनाव जीत कर विकास और सुशासन की उसी डगर पर चलते हैं जो विश्व बैंक और योजना आयोग ने तय की है तो एक बार फिर बावनदास को मरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

बिहार चुनावों के जादूगर है नीतीश व सुशील

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव प्रचार संबंधी विवाद से पिंड छुड़ाने के प्रयास में भाजपा ने सोमवार को कहा कि यहां के जादूगर नीतीश और सुशील हैं।

भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हर जगह के जादूगर अलग-अलग होते हैं और बिहार में विधानसभा चुनावों में जादूगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी हैं। इनका जादू बिहार में चल रहा है। बिहार में राजग के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में आई लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने यह टिप्पणी एक सवाल के जवाब में की, जिसमें उनसे पूछा गया था कि गुजरात के पंचायत चुनावों में नरेंद्र मोदी का जादू चल गया है तो ऐसे में इस जादूगर को यहां क्यों नहीं बुलाया जा रहा है? एक अन्य प्रश्न के जवाब में सुषमा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के बिहार चुनाव प्रचार के संबंध में नीतीश कुमार ने कोई शर्त नहीं रखी थी और न ही मोदी को प्रचार करने से रोका था।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने सोचा कि पुराने चुनावों में जो व्यवस्था चल रही थी, वही 2010 के विधानसभा में भी आजमाया जाए। इसी के तहत बिहार में टिकटों का बंटवारा भी हुआ है।

रविवार, 24 अक्तूबर 2010

बिहार में दूसरे चरण में 53 फीसदी मतदान

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 45 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कड़े सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार को संपन्न हो गया। दूसरे चरण के मतदान में करीब 53 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। पूर्वी चंपारण जिले में 56 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मतों का उपयोग किया। शिवहर जिले में करीब 49 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके साथ ही 46 महिलाओं सहित कुल 623 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गई।

इस चुनाव में नक्सली भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहे, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के बीच एक-दो घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। मतदान में व्यवधान डालने के आरोप में 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि के अनुसार इस दौरान मतदान में व्यवधान डालने के आरोप में 109 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें दरभंगा जिले में 58, मुजफ्फरपुर में 18, समस्तीपुर में 30 लोग शामिल है। इसके अलावे 66 मोटर साईकिल सहित 68 वाहनों को भी जब्त किया गया।

इस बीच मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान संख्या एक के पास राज्य के लघु सिंचाई मंत्री दिनेश प्रसाद कुशवाहा के वाहन पर पत्थरबाजी की गई, जिसमें मंत्री को तो कोई नुकसान नहीं हुआ परंतु उनका अंगरक्षक घायल हो गया। इस पत्थरबाजी में मंत्री का वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। कुशवाहा का आरोप है कि निर्दलीय प्रत्याशी माधवी चंद्र के पुत्र और उनके समर्थकों ने उन पर हमला किया। पुलस के अनुसार इस मामले की एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

इस बीच कई मतदान केंद्रों पर चुनाव बहिष्कार की भी सूचना मिली है। गौरतलब है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से पांच विधानसभा क्षेत्रों पारू, मीनापुर, साहेबगंज, शिवहर और बेलसंड विधानसभा क्षेत्र में सुबह सात बजे से तीन बजे तक मतदान हुआ जबकि अन्य 40 क्षेत्रों में पांच बजे तक मत डाले गए।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की रात शिवहर में एक नक्सली हमले में एक थाना प्रभारी सहित छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी जबकि एक पुलिस का जवान घायल हो गया था।

सीतामढ़ी जिला के रूनीसैदपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 116 पर संदिग्ध नक्सलियों ने आकर मतदान संबंधी कागजात जला दिए और फरार हो गए।

इस घटना की पुष्टि राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक पी़ के़ ठाकुर ने भी की है। उन्होंने किसी भी मतदानकर्मी के अगवा होने के समाचार का खंडन किया। केंद्र पर सुबह आवश्यक कागजात पहुंचाए जाने के बाद वहां मतदान सुचारू रूप से चला। पूर्व में यह खबर थी कि मतदान केंद्र संख्या से कुछ मतदानकर्मियों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया है।

इस चरण में कुल 98,44,981 मतदाताओं के लिए 10, 312 मतदान केंद्र बनाये गये थे। इस चुनाव में 12691 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग किया गया जबकि करीब 250 मतदान केंद्रों से वेब कॉस्टिंग किया गया।

दूसरे चरण की 45 सीटें पूर्वी चम्पारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों के अंतर्गत आते है। उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के तहत गुरुवार को 47 सीटों पर मतदान कराया गया था जिसमें 54 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। राज्य के 243 सीटों के लिए छह चरणों में 21, 24 और 28 अक्टूबर तथा 1, 9 और 20 नवंबर को मतदान की तिथि घोषित की है। सभी सीटों के लिए मतगणना 24 नवंबर को होगी।

शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

सरकार बनी तो भरपेट खाना

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को बगहा, बेतिया व मोतिहारी में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बिहार में पुलिस के जवान मारे जा रहे हैं । बावजूद इसके बिहार सरकार उससे निबटने की स्थिति में नहीं है। हमारी सरकार में आलू और लालू एक सामान था। हमारी पहचान देश-विदेश में एक प्रगतिशील नेता के तौर पर है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो गरीबों को भरपेट खाना मिलेगा।

लाठी छोड़ कलम पकड़ें

छपरा। जिले के मांझी विधानसभा क्षेत्र के कोपा व एकमा विधानसभा क्षेत्र के एकमा में शनिवार को आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा कि लाठी पकड़ा कर समाज को अंधेरे में धकेलने वालों पर विश्वास न करें। लाठी छोड़कर कलम पकड़ें तभी सबका कल्याण है। उन्होंने कहा कि बिहार को बर्बाद कर देने वालों को आपने पंद्रह वर्ष मौका दिया अब विकास के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर देने वालों को मौका दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे एक मौका और दें बिहार कागौरवशाली अतीत लौटा दूंगा।

वादे पर खरा नहीं उतरे नीतीश : पासवान

चनपटिया (प.च.)। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने शनिवार को कहा कि सुशासन के मुखिया नीतीश ने जनता को धोखा दिया है। वादाखिलाफी की राह पर चल रहे नीतीश ने दलित एवं गरीबों को गफलत में रखा है। दलितों को एक धुर भी जमीन नहीं दिलवाया।

श्री पासवान यहां एफसीआई मैदान में लोजपा प्रत्याशी शेख शर्फूद्दीन के पक्ष में एक आमसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि हम सत्ता में आते हैं तो सभी छात्र छात्राओं को पोशाक एवं साइकिल उपलब्ध कराएंगे। मोबाइल सेवा को गरीबों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने कुमारबाग में सेल की स्थापना की। परंतु उद्योगों का जाल बिछाने की बात कहने वाले नीतीश व सुशील एक कैंची का भी कारखाना नहीं खोल पाए।

नौतन नहीं पहुंचे रामविलास

नौतन (प.च.)। नौतन विधानसभा सीट से लोजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा को सम्बोधित करने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान नौतन नहीं पहुंच सके। खेल मैदान में पूर्वाहन दस बजे से सैकड़ों लोग उनकी प्रतीक्षा में चार घंटे चिलचिलाती धूप में खड़े रहे। स्थानीय नेता 10.30 बजे से सभा को सम्बोधित करते रहे। अचानक एक बजे के बाद घोषणा हुई कि रुट बदल जाने से हेलीकाप्टर सभास्थल पर नहीं पहुंच पाया। उनके न आने की खबर सुन कार्यकर्ताओं के चहरे पर मायूसी छा गयी।

मरजदवा के अनुसार सिकटा विधानसभा क्षेत्र के रामपुर मैनाटांड़ हाई स्कूल के प्रांगण में प्रस्तावित लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की जनसभा किसी कारण बस नहीं हुई। श्री पासवान ने दूरभाष पर आमजनों से इसके लिए खेद प्रकट किया।

बिहार में दूसरे चरण के लिए मतदान कल

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को 45 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले मतदान के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए है। इस बीच, शिवहर में हुए नक्सली हमले के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में मतदान का समय बदल दिया गया है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने शनिवार को पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रविवार को दूसरे चरण में होने वाले सभी 45 विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होंगे।

उन्होंने कहा कि शिवहर विधानसभा क्षेत्र के 96 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर केन्द्रीय अ‌र्द्घसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी जबकि अन्य जिलों के 80 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अ‌र्द्घसैनिक बल तैनात होंगे।

नीलमणि ने कहा कि अन्य मतदान केंद्रों पर अन्य सशस्त्र बलों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने शिवहर में हुए नक्सली हमले को नक्सलियों की बौखलाहट का परिणाम बताया। उन्होंने मतदाताओं से भी अपील की है कि वे मतदान केंद्र तक पहुंचकर मतदान करें। सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है।

इस, बीच राज्य निर्वाचन विभाग ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से शिवहर विधानसभा क्षेत्र में मतदान का समय बदलकर सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक कर दिया है। पूर्व में मतदान पांच बजे तक होना था। मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर, पारू और साहेबगंज विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टिकोण से तीन बजे तक मतदान होना तय है।

दूसरे चरण में बिहार विधानसभा की 45 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए शुक्रवार की शाम प्रचार का शोर थम गया। पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिले में इन सीटों के लिए 24 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे।

दूसरे चरण में 623 उम्मीदवार चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। 98 लाख 44 हजार 981 मतदाता 10312 बूथों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे। इसमें 5280234 पुरुष और 4564747 महिला मतदाता हैं। एक बूथ पर 1500 से अधिक मतदाता होने की वजह से 363 सहायक बूथ बनाये गये हैं। कुल 11348 कंट्रोल यूनिट और 13668 बैलट यूनिट का इस्तेमाल किया जाएगा।

छह सीटें बथनाहा, कुशे‌र्श्वर स्थान, बोचहा, सकरा, कल्याणपुर और रोसड़ा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रोसड़ा में सबसे कम छह उम्मीदवार हैं जबकि काटी में सबसे अधिक 24 प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं। नौ ऐसे क्षेत्र हैं जहा 16 से अधिक उम्मीदवार हैं। यहा मतदान की व्यवस्था के लिए हर बूथ पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है।

गौरतलब है कि मतदान प्रारंभ होने के 36 घंटे पूर्व शुक्रवार की रात नक्सलियों ने शिवहर में एक बारूदी सुरंग विस्फोट किया था, जिसमें छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के तहत गुरुवार को 47 सीटों पर मतदान कराया गया था जिसमें 54 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। राज्य के 243 सीटों के लिए छह चरणों में 21, 24 और 28 अक्टूबर तथा 1, 9 और 20 नवंबर को मतदान की तिथि घोषित है। सभी सीटों के लिए मतगणना 24 नवंबर को होगी।

24 को यहा पड़ेंगे वोट:-

नरकटिया, पिपरा, मधुबन, चिरैया, ढाका, शिवहर, रीगा, बथनाहा [अजा], परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड, कुशेश्वरस्थान [अजा], गौड़ाबौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर,केवटी, जाले, गायघाट, औराई, मीनापुर, बोचहा, [अजा], सकरा [अजा], कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, काटी, बरुराज, पारू, साहेबगंज, कल्याणपुर [अजा], वारिसनगर , समस्तीपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीनजर, विभूतिपुर, रोसड़ा [अजा] और हसनपुर।

गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

बिहार बढ़ेगा, तभी हिंदुस्तान बढ़ेगा: राहुल

मुजफ्फरपुर [जागरण संवाददाता]। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में धरातल पर विकास नजर नहीं आता।

उन्होंने कहा कि वे युवाओं के बलबूते विकास की बात करने आए हैं। जब बिहार बढ़ेगा-तभी हिन्दुस्तान भी आगे बढ़ेगा। राहुल गुरुवार को मुजफ्फरपुर में चुनावी सभा संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 11 विधानसभा क्षेत्रों से आए मतदाताओं से कांग्रेस को जिताने की अपील की।

कांग्रेस महासचिव ने मनरेगा, इंदिरा आवास, बीपीएल में गड़बड़ी की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र ने एक लाख करोड़ रुपये बिहार भेजे। लेकिन उनका क्या हुआ, किसी को नहीं पता। 100 दिनों की रोजगार गारंटी के लिए कानून बनाए गए। इससे गरीबों, मजदूरों व बेरोजगारों को फायदा होना था, लेकिन बिहार पिछड़ गया। राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान का भविष्य गरीबों के हाथ में है। कांग्रेस चाहती है कि गरीब काम करे और फायदा भी उसे ही मिले। जबकि राजग की सोच है कि गरीब काम करें और फायदा अमीर उठाएं। सभा को पार्टी के प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक ने भी संबोधित किया।

पहले चरण में 55 प्रतिशत मतदान

पटना [जागरण ब्यूरो]। भारी सुरक्षा के बीच गुरुवार को बिहार में विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान हुआ। छिटपुट घटनाओं के बीच 47 सीटों के लिए करीब 55 प्रतिशत वोट पड़े। कुल 631 उम्मीदवारों का भाग्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में फीड हो गया है।

राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी सुधीर कुमार राकेश ने बताया कि छातापुर में बूथ संख्या 177 पर पीठासीन अधिकारी के साथ मारपीट और मतदान में बाधा पहुंचाने की घटना हुई है। इस मामले में जदयू विधायक नीरज कुमार बबलू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है। वायसी में सोशलिस्ट जनता पार्टी के उम्मीदवार अलीमुद्दीन अंसारी को बूथ नंबर 112 पर गड़बड़ी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि स्थानीय कारणों से बेनीपंट्टी क्षेत्र में लोगों ने दस मतदान केंद्रों पर मतदान का बहिष्कार किया।

कटिहार में प्राणपुर के बूथ संख्या 123 के पीठासीन अधिकारी मुहम्मद हबीब की हृदयाघात से बुधवार रात मौत हो गई। उनके आश्रितों को प्रावधान के अनुसार दस लाख रुपये मुआवजा राशि अदा की जाएगी। मधुबनी में 52 फीसदी, सुपौल में 53 फीसदी, अररिया में 53 फीसदी, किशनगंज में 57 फीसदी, पूर्णिया में 55, कटिहार में 57, मधेपुरा में 52 और सहरसा में 56 फीसदी मतदताओं ने वोट डाले हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि कुछ जिलों में मतदान का प्रतिशत पहले की तुलना में बढ़ा है। ये मत जागरूकता अभियान, समय से पहले वैकल्पिक दस्तावेज की जानकारी दिये जाने आदि से बढ़े हैं।

सोमवार, 4 अक्तूबर 2010

तीसरे चरण के 48 सीटों पर मतदान के लिए अधिसूचना जारी

तीसरे चरण के मतदान को ले सोमवार को 48 सीटों के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी। राज्य के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुमार अंशुमाली के अनुसार जिन 48 सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी की गयी वहां 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। नामांकन आज से ही आरंभ हो गया। नामांकन की आखिरी तारीख 11 अक्टूबर है। 14 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। जिन सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी की गयी उनमें नरकटियागंज, बगहा, लौरिया, नौतन, चनपटिया, बेतिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, हरसिद्धी (सु), गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, मोतिहारी, बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे (सु), हथुआ, सिवान, जीरादेई, दरौली (सु), रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गोरियाकोठी, महाराजगंज, एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा (सु), अमनौर, परसा, सोनपुर, हाजीपुर, लालगंज, राजापाकर (सु), राघोपुर, महनार, पातेपुर (सु), वाल्मीकिनगर व रामनगर (सु) विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिन 48 सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी की गयी है उनमें पातेपुर (सु),वाल्मीकिनगर तथा रामनगर (सु) सीट पर मतदान शाम तीन बजे ही समाप्त हो जायेगा। शेष सीटों पर शाम पांच बजे तक मतदान होगा।

पहले चरण की 47 सीटों में 711 नामांकन

राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार पहले चरण की 47 सीटों के लिए 711 प्रत्याशियों ने पर्चे दाखिल किए। मधुबनी व सीमांचल के सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज व कटिहार जिले में स्थित कुल 47 विधानसभा क्षेत्रों में नामांकन दाखिल किए जाने की अंतिम तारीख सोमवार को समाप्त हो गयी। दूसरे चरण के सीटों के लिए अब तक 133 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है जबकि सोमवार को जिस तीसरे चरण की अधिसूचना जारी की गयी उनमें तीन प्रत्याशियों ने आज पर्चे भरे। पहले चरण के तहत जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए पर्चा दाखिल करने वालों में सिमरी बख्तियारपुर से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष महबूब अली कैसर व राजद के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी का नाम भी शामिल है जिन्होंने अली नगर विधानसभा सीट के लिए अपना पर्चा भरा है। कई पूर्व सांसदों ने भी पहले चरण के तहत होने वाले मतदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे। इसमें मधेपुरा से रमेंद्र कुमार रवि, लवली आनंद और रंजीता रंजन के नाम शामिल हैं। प्रथम चरण के नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को सहरसा, सुपौल,मधेपुरा,पूर्णिया,अररिया,किशनगंज व कटिहार जिले के विधानसभा क्षेत्रों के लिए 420 प्रत्याशियों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया। इनमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर, पूर्व सांसद डा. रमेंद्र कुमार यादव रवि, रंजीत रंजन और लवली आनंद समेत कई निवर्तमान विधायक शामिल हैं।

चुनावी टिकट को लेकर मारामारी

विधानसभा की चुनावी टिकट को लेकर बिहार में मारामारी मची हुई है। शायद ही कोई पार्टी हो जो इस हाय तौबा से अछूती हो। मधुबनी और पूर्णिया मे कांग्रेसियों ने अपने ही पार्टी दफ्तरों में आग लगा दी। पटना में लोजपा कार्यालय पर दिनभर धरना चला। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आवास का दिनभर घेराव रहा। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर असंतुष्टों के कारण ताला जड़ दिया गया। टिकट वितरण में धांधली से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रविवार को प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम के सभी कक्षों में ताला जड़ दिया। पूरे आश्रम पर क्षुब्ध कार्यकताओं का कब्जा था और पदाधिकारी गायब।

टिकट बंटवारे में धांधली का आरोप लगाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने रविवार को मधुबनी व पूर्णिया जिला कांग्रेस कार्यालय में जमकर बवाल काटा। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ की गई और सामानों को आग के हवाले कर दिया गया। मधुबनी में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर जिलाध्यक्ष चंद्रकांत झा को कमरे में बंद कर दिया और बाहर रखी कुर्सियों को तोड़ डाला। इसके बाद उनमें आग लगा दी। घटना की बाबत देर शाम जिलाध्यक्ष चंद्रकांत झा के बयान पर नगर थाने में अज्ञात कांग्रेसियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

टिकट से वंचित लोगों के हंगामे से लोजपा भी अछूती नहीं रही। लोजपा कार्यालय के बाहर टिकट से वंचित अभ्यर्थी व उनके समर्थक भूख हड़ताल पर बैठ गए और गेट के सामने धरना शुरू हो गया। हालांकि देर शाम भूख हड़ताल खत्म हो गई। मौके पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं के शोर के आगे वह मूकदर्शक बनी रही। भूख हड़ताल पर बैठे दरौली के चंद्रिका ने बताया कि उन्हें टिकट का वादा किया गया था पर टिकट ऐसे व्यक्ति को मिला जिसका क्षेत्र में कोई अस्तित्व नहीं है। बक्सर से आए लोग छेदी राम को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे थे।

टिकट की दावेदारी कर रहे राजद नेता व उनके समर्थकों ने रविवार को पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के आवास का दिनभर घेराव किया। फतुहा व दानापुर से टिकट की मांग को लेकर बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता पहुंचे थे। वे अपने साथ बैनर लिए हुए थे। घेराव करने वाले फतुहा और दानापुर में प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहे थे। राजद सुप्रीमो के आवास से निकलकर पार्टी के एक कार्यकर्ता ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा।

तेघड़ा [परिसीमन के पूर्व बरौनी] के कार्यकर्ताओं ने ललन कुंवर को टिकट दिए जाने के विरोध में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। पुराने कार्यकर्ता अरविंद सिंह को वहां से प्रत्याशी बनाने की मांग की। कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिए जाने के कारण प्रदर्शनकारी गेट के सामने ही धरना पर बैठ गए। लगातार दो दिनों तक कार्यकर्ताओं के हंगामे को झेलने के बाद पार्टी ने रविवार को वहां व्यापक बंदोबस्ती कर रखी थी, जिस वजह से कार्यकर्ता कार्यालय परिसर में दाखिल नहीं हो सके। दोनों प्रवेश द्वारों पर ताले जड़ दिए गए थे।

क्षेत्रीय संगठन प्रभारी हृदयनाथ सिंह व प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मयूख ने गेट पर आकर धरना दे रहे कार्यकर्ताओं से बातचीत की तथा प्रत्याशी बदलने की उनकी भावना से नेतृत्व को अवगत कराने का आश्वासन दिया। उसके बाद ही कार्यकर्ता वहां से हटने को तैयार हुए।

मुख्यमंत्री ने बदला प्रचार का अंदाज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनाव प्रचार का अंदाज बदल दिया है। पटना से रोजाना चुनाव प्रचार के लिए जाने के बदले वे क्षेत्रों में कैंप करेंगे। उन्होंने मधेपुरा, बेतिया और भागलपुर में पड़ाव डालने का निर्णय लिया है। वहीं से वे विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में हेलीकाप्टर या सड़क मार्ग से जाएंगे। आठ अक्टूबर को श्री कुमार जदयू के चुनाव प्रचार अभियान का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री ने द्वितीय चरण को छोड़ पहले चार चरणों में कैंप करने के लिए अलग-अलग जगह तय की है। प्रथम चरण में वे 8-13 अक्टूबर तक मधेपुरा में कैंप करेंगे और वहीं से हेलीकाप्टर और सड़क मार्ग से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार को जाएंगे। प्रदेश प्रवक्ता रवींद्र सिंह के अनुसार केवल द्वितीय चरण में मुख्यमंत्री श्री कुमार पटना से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में हेलीकाप्टर से चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। तृतीय चरण में श्री कुमार दो दिनों तक बेतिया में कैंप कर चुनाव प्रचार करेंगे। चौथे चरण के लिए वे दो दिनों तक भागलपुर में कैंप करेंगे और वहीं से चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे।