कुंदन, पूर्णिया। पूर्णिया ने विधायक केशरी के रूप में खो दिया अपना हरदिल अजीज बेटा। समाज के हर वर्ग के लिए जीने मरने वाले इस हर दिल अजीज शख्स की मौत का गम हर किसी के चेहरे पर साफ दिख रहा था। अंतिम शव यात्रा में समाज के हर वर्ग की भागीदारी और उनके आंखों से टपकते आंसू बता रहे थे उन्होंने क्या खो दिया है।
मधुबनी स्थित पैतृक आवास पर बुधवार को विधायक के अंतिम दर्शन को समाज का हर वर्ग पहुंचा। उनके दर्शन को यदि चीथड़ों में लिपटी सिपाही टोला की बूढ़ी सुगिया देवी पहुंची थी तो गुलाबबाग के बड़े धन्नासेठ भी पहुंचे थे। सुगिया और उसके साथ आयी महिलाओं की आंखों से टपकते आंसू यह बता रहे थे कि उन्होंने अपना हितैषी खो दिया। यह वही केशरी थे जो उनके दुख-सुख में साथ रहते थे। अंतिम दर्शन को पहुंचे मधुबनी के दिनकर साह ने बचपन के अपने मित्र को खो दिया। उनके आंखों से निकलते आंसुओं की अविरल धारा उनके दिल को पहुंची ठेस की कहानी कह रहे थे। यह वही विधायक थे जिसके साथ उनका बचपन बीता। जिसके साथ उन्होंने अपनी जिंदगी के खट्टे-मिट्टे अनुभव बांटे थे। गुलाबबाग से पहुंचे दर्जन भर बड़े व्यवसायियों के चेहरे पर तनाव की लकीरें बता रही थी कि उन्होंने अपना संरक्षक खो दिया है।
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