गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

हैपी न्यू ईयर की तैयारी में जुटे लोग

नया साल 2011 और बीत रहे वर्ष 2010 के बीच अब सिर्फ एक दिन का फासला रह गया है। नव वर्ष द्वार खटखटा रहा है और इसके साथ ही उसके स्वागत की तैयारियों में लोग जुट गये हैं। सभी अपने-अपने ढंग से नये साल की अगवानी करेंगे। युवाओं ने जहां 31 दिसंबर की आधी रात को आतिशबाजी करने और पहली जनवरी को पिकनिक मनाने की योजना बना रखी है। इसके मद्देनजर गुरुवार से ही बाजार में लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है तो दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों को सजा-संवार लिया है। गीतों की धुन पर ठुमका लगाने की व्यवस्था भी की गयी है। नव वर्ष पर तफरीह के साथ होटलों में लजीज व्यंजनों का स्वाद लेने में भी युवाओं की टोलियां आगे रहेंगी तो बहुतेरे साल के पहले दिन देवी-देवताओं के मंदिर में सिर झुका कर आने वाले दिनों के सुखद व शुभ होने का आशीष मांगेंगे। उधर, नये साल के स्वागत में गुजरने वाले साल की प्रमुख घटनाओं को याद करते हुए गीत-संगीत से लबरेज विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करने की तैयारी में है। वहीं आमजन टीवी चैनलों पर आने वाले विशेष कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बैटरी चार्ज कराने में लगे रहे और इंवर्टर का उपयोग हिसाब से करने को सचेष्ट रहे कि अगर बिजली नहीं भी रही तो वे कार्यक्रमों का लुत्फ उठाने से वंचित नहीं रह जायें।

घट रहा ग्रीटिंग कार्ड का क्रेज

ग्रीटिंग कार्ड का क्रेज घट रहा है। इस ओर से लोगों का आकर्षण घटा है। आर्थिक दृष्टि से संपन्न तबके ने तो जैसे पूरी तरह किनारा ही कर लिया है। मध्यम आय वर्ग के लोग अभी भी ग्रीटिंग कार्ड खरीद और अपने सगे-संबंधियों को भेज रहे हैं। इस साल आने वाले नव वर्ष 2011 के स्वागत के लिए बाजार में उतरे ग्रीटिंग कार्ड की बिक्री ऐसा ही कह रही है। कार्ड का व्यवसाय करने वालों का मानना है कि संचार क्रांति ने सभी की जेब में मोबाइल पहुंचा दी है और इसके कारण अब लोग एसएमएस भेज कर नये साल की बधाई देने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। शहर में कार्ड की दुकान चलाने वाले बिनोद कुमार कहते हैं कि इसके अलावा महंगाई ने भी इस धंधे को प्रभावित किया है। कार्ड का रेट बढ़ना भी एक बड़ी वजह है। पहले जो कार्ड 30 से 35 रुपये में मिल रहे थे वे अब 50 रुपये में मिल रहे हैं। पहले 5-6 रुपये में भी कार्ड मिल जाता था जो बंद हो गये हैं। यही कारण है कि पिछले साल की तुलना में इस बार कम ग्राहक आये हैं। उनके यहां 15 से 195 रुपये तक के कार्ड हैं। इसमें कम कीमत के खरीदार ही ज्यादा हैं। कम दाम के कटिंग कार्ड की तरफ लोगों को आकर्षण ज्यादा है। हालात ऐसे बन आये हैं कि ग्रीटिंग कार्ड की कई कंपनियों ने इससे खुद को किनारे कर लिया है। आईटीसी, हॉल मार्क, हॉल मैक्स सरीखी बड़ी कंपनियों के कार्ड अब आते नहीं। नया साल आने में अब सिर्फ एक दिन शेष रह गये हैं जो बिकना था सो बिक चुका। अब अगले साल की आशा है। शहर में कार्ड की गिनी-चुनी दुकानें ही हैं।