
नया साल 2011 और बीत रहे वर्ष 2010 के बीच अब सिर्फ एक दिन का फासला रह गया है। नव वर्ष द्वार खटखटा रहा है और इसके साथ ही उसके स्वागत की तैयारियों में लोग जुट गये हैं। सभी अपने-अपने ढंग से नये साल की अगवानी करेंगे। युवाओं ने जहां 31 दिसंबर की आधी रात को आतिशबाजी करने और पहली जनवरी को पिकनिक मनाने की योजना बना रखी है। इसके मद्देनजर गुरुवार से ही बाजार में लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है तो दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों को सजा-संवार लिया है। गीतों की धुन पर ठुमका लगाने की व्यवस्था भी की गयी है। नव वर्ष पर तफरीह के साथ होटलों में लजीज व्यंजनों का स्वाद लेने में भी युवाओं की टोलियां आगे रहेंगी तो बहुतेरे साल के पहले दिन देवी-देवताओं के मंदिर में सिर झुका कर आने वाले दिनों के सुखद व शुभ होने का आशीष मांगेंगे। उधर, नये साल के स्वागत में गुजरने वाले साल की प्रमुख घटनाओं को याद करते हुए गीत-संगीत से लबरेज विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करने की तैयारी में है। वहीं आमजन टीवी चैनलों पर आने वाले विशेष कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए बैटरी चार्ज कराने में लगे रहे और इंवर्टर का उपयोग हिसाब से करने को सचेष्ट रहे कि अगर बिजली नहीं भी रही तो वे कार्यक्रमों का लुत्फ उठाने से वंचित नहीं रह जायें।