रविवार, 9 जनवरी 2011

नवलेश की गिरफ्तारी से उठ रहे कई सवाल

पूर्णिया सदर के भाजपा विधायक राजकिशोर केशरी हत्याकांड में पत्रकार नवलेश पाठक की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जिस प्रकार उसकी गिरफ्तारी हुई उसने कई सवालों का जन्म दिया है।

मामले पर गौर करें तो दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि विधायक ने चाकू लगने के बाद रास्ते में अपने भतीजे को बताया था कि उन्होंने नवलेश को गाड़ी से भागते हुए देखा। यदि दर्ज प्राथमिकी को ही आधार माना जाय तो पुलिस घटना के समय नवलेश पाठक के मोबाइल का टावर लोकेशन से उसकी वास्तविक स्थिति जान सकती थी। इस मामले में दूसरा पेंच यह है विधायक के बयान को लेकर भी है। चिकित्सकों की राय में एबडोमिनल अरोटा नस के कटने के बाद कोई भी व्यक्ति पांच से सात मिनट जिंदा रह सकता है। यदि विधायक का एबडोमिनल अरोटा नस कट गया था तो क्या वो इतनी बात कहने की स्थिति में थे। यदि नवलेश ने ही रूपम पाठक को उकसा कर विधायक के आवास तक छोड़ा तो पुलिस ने गिरफ्तारी में इतनी विलंब क्यों की। पुलिस के अनुसार नवलेश विधायक और रूपम दोनों से ही लगातार बात करता रहा था। यहां यह सवाल उठता है कि क्या पत्रकार का किसी विधायक और किसी पीड़ित से बात करना साजिश और अपराध है। ऐसे कई सवाल हैं जो आम लोगों के जेहन में कौंध रहे हैं।

31 दिसम्बर को विपीन ठहरा था सिल्लीगुड़ी में

पूर्णिया के विधायक राजकिशोर केसरी के समर्थक विपीन राय ने साल के अंतिम दिन सिल्लीगुड़ी में बिताया था। मगर वहां वह किसके साथ ठहरा था यह सवाल बना हुआ है। विपीन के 31 दिसम्बर 2010 को सिल्लीगुड़ी में होने का खुलासा मोबाइल टावर लोकेशन से हुआ है। रूपम के मोबाइल प्रिंट आउट से इस बात का भी खुलासा किया है कि चार जनवरी को लगभग नौ बजे उसने विपीन राय के मोबाइल पर फोन किया। लेकिन विपीन राय ने रूपम पाठक के काल को रिसीव नहीं किया। विपीन राय की इसके पूर्व रूपम पाठक से कई बार फोन पर बात हुई है लेकिन उस दिन विपीन राय द्वारा रूपम पाठक का मोबाइल फोन नहीं उठाना महज एक इत्तेफाक है या साजिश यह एक सवाल बना हुआ है। कहीं विपीन राय रूपम पाठक के मिजाज को भांप तो नहीं गया था? अक्सर विधायक के आवास पर जाने वाला विपीन राय चार जनवरी को भी घटना के वक्त विधायक आवास पर मौजूद नहीं था? जबकि पूर्णिया में रहने के बाद वह अक्सर विधायक के आवास पर वह भी सुबह के वक्त जरूर रहा करता था। रूपम पाठक ने भी पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके निशाने पर मुख्य रूप से विधायक का सहयोगी विपीन राय था। उसको फोन कर अपने घर बुलाने तथा इसके बाद विधायक आवास पर उसे खोजने के बाद ही उसने विधायक की चाकू मारकर हत्या की। रूपम यह भी दावा कर रही है कि विपीन राय ने ही उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया। वह जब कभी भी उससे मिलने के लिये आता था अपने साथ किसी न किसी नये आदमी को साथ लाता था। हम चाहकर भी उसका विरोध नहीं कर पाते थे। कुछ भी कहने के बाद वह हमें पूरी तरह से बदनाम करने की धमकी दिया करता था। रूपम ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया है कि उसके द्वारा यौन- शोषण का मामला दर्ज कराये जाने के बाद उसके ऊपर काफी दवाब डाला गया। सामाजिक स्तर पर हो रही बदनामी और अपने परिवार की चिंता को देखते हुए हमने मामला वापस ले लिया लेकिन इसके बाद तो विपीन राय द्वारा परेशान करने की सारी हदें पार कर दी गयी। रूपम कहती है कि वह इस कदर टूट चुकी थी की उसे आगे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। रूपम ने पुलिस को बताया कि विपीन अक्सर उसपर गलत दवाब डालकर कई गलत कार्य करने के लिये मजबूर करता था।

शनिवार, 8 जनवरी 2011

दो माह में रूपम के खाते में जमा हुए सात लाख

रूपम पाठक के पर्स से पूर्णिया पुलिस को मिले कई बैकों के पास बुक ने भी अब राज उगलने शुरू कर दिये हैं। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ की रूपम पाठक के बैंक खाते में दो माह के दौरान दो बार में कुल सात लाख रूपये जमा हुए हैं। इनमें एक बार में चार लाख एवं दूसरी बार में तीन लाख की राशि उनके स्टेट बैंक स्थित खाते में जमा हुई है। रूपम पाठक के भारतीय स्टेट बैंक शाखा पूर्णिया के खाता संख्या 10954344216 में मई माह की 27 तारीख एवं जून माह की 23 तारीख को चार लाख एवं तीन लाख रूपये जमा हुए हैं। इसके बाद यह राशि अठारह किस्तों में बैंक से निकाल भी ली गयी है तथा वर्तमान में उनके इस खाता में महज 2143 रूपया शेष बचा है। हालांकि रूपम पाठक से पुलिस ने जब उनके खाते में आये इस बड़ी राशि के संबंध में पूछताछ की तो उसका कहना था कि यह राशि उसने बैंक से ऋण के रूप में ली है। पुलिस उसके द्वारा दी गयी इस जानकारी का सत्यापन कर रही है की उसने जो ग्रामीण बैंक से ऋण लेने की बात कही है उसमें कितनी सच्चाई है। रूपम पाठक द्वारा स्टेट बैंक की शाखा से जो रूपये की निकासी की गयी है वह चेकों के माध्यम से की गयी है। पुलिस ने रूपम पाठक के पर्स से स्टेट बैंक के पासबुक के अलावा ग्रामीण बैंक की शाखा मधुबनी बाजार का पास बुक जिसका खाता संख्या 3624 बरामद किया गया था। इसके अलावा इसी बैंक के शाखा का चेक बुक संख्या 05619516 से 0561975 का बरामद किया गया। इसमें से 0561951 से लेकर 561960 तक का चेक कटा हुआ पाया गया। इसके अलावा यूको बैंक की शाखा का चेक बुक भी उस पर्स से पुलिस ने बरामद किया था।

अब तक नहीं सुलझी विधायक हत्याकांड की पहेली

पूर्णिया के विधायक राजकिशोर केसरी हत्याकांड की पूरी गुत्थी घटना के पांच दिनों बाद भी नहीं सुलझ पायी है। भले ही पुलिस ने विधायक हत्याकांड में शामिल दोनों नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हो मगर यह सवाल आज भी अनुत्तरित बना हुआ है की रूपम पाठक ने चार जनवरी को ही इस घटना को अंजाम क्यों दिया। पुलिस यह तो कह रही है कि रूपम पाठक ने इस हत्या की घटना को अंजाम दिया लेकिन किन कारणों से तथा इस हत्या के घटना के तात्कालिक कारण क्या थे इस सवाल पर वह भी कुछ बताने से बच रही है। इस मामले में सबसे अहम सवाल यह है कि रूपम पाठक चार जनवरी को दिन के लगभग नौ बजे अपने पर्स में चाकू छिपाकर तथा शाल ओढ़कर पहुंचती है तथा विधायक को पास में बुलाकर चाकू मारकर उनकी हत्या कर देती है। हत्या करने के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा रूपम पाठक की जमकर पिटाई की जाती है तथा इसके बाद पुलिस अपने कब्जे में उन्हें ले लेती है। इस मामले की जांच में लगे पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वे विधायक के हत्या के मामले को देख रहे हैं। सवाल है की हत्या करने वाली महिला जब रूपम पाठक गिरफ्तार ही कर ली गयी तथा इसके बाद इसमें शामिल नवलेश पाठक भी पकड़ ही लिये गये। पुलिस ने रूपम पाठक के उस वाहन को भी जब्त कर ही लिया जिस पर सवार होकर वह विधायक के आवास पर पहुंची मगर घटना का तात्कालिक कारण क्या था यह सवाल अब भी बना हुआ है। जबकि विधायक हत्या मामले में गिरफ्तार रूपम पाठक अपने बयान में बार- बार इस बात को दुहराती रही की विधायक के सहयोगी विपीन राय ने उसका जीना हराम कर दिया था। रूपम ने पुलिस अधिकारियों को यह भी बताया की उसको विपीन बार- बार ब्लैक मेल किया करता था। फिर भी पुलिस ने अभी तक विपीन को पूछताछ के लिये छुआ तक नहीं है।

लवली आंनद ने जेल में बंद रूपम से मिलने की मांगी अनुमति

पूर्व सांसद लवली आनंद ने विधायक हत्याकांड में पूर्णिया जेल में बंद आरोपी महिला रूपम पाठक से मिलने की अनुमति जिलाधिकारी से मांगी है। डीएम को भेजे पत्र में पूर्व सांसद श्रीमती आनंद ने कहा है कि हत्या बाद तरह तरह की अफवाहों और खबरों को देखते हुए पक्ष विपक्ष का बाजार गर्म दिख रहा है। ऐसे में एक राजनैतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते सच व झूठ का पता करना आवश्यक हो गया है। सो उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर दस जनवरी को उनके परिजनों तथा जेल में बंद आरोपी श्रीमती पाठक से मिलने की इजाजत मांगी है। साथ ही इस दौरान उन्होंने अपनी सुरक्षा व्यवस्था की भी मांग की है।

विधायक हत्याकांड की हो सीबीआई जांच : सांसद

पूर्णिया। सदर के भाजपा विधायक राजकिशोर हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग सांसद ने उठायी है। सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने सीबीआई जांच की मांग के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सिफारिश करने की मांग की है। सांसद ने अपने पत्र में पूरी घटना की जानकारी देते हुए कहा है कि इस मामले की गहनता से जांच की आवश्यकता है। रूपम पाठक द्वारा पूर्व में प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी। इसके बाद उसने 164 का बयान देकर मामले का पटाक्षेप कर दिया। विधानसभा चुनाव में इस पूरे मामले के बारे में उन्होंने कुछ नहीं सुना लेकिन अचानक से विधायक की हत्या ने अचंभित कर दिया। सांसद ने कहा है कि इस हत्याकांड को लेकर विपक्ष अपनी राजनीति कर रहा है और मीडिया व जनता के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है। विपक्ष द्वारा कई प्रकार के अनर्गल आरोप लगाया जा रहा है। ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की आवश्यकता जान पड़ती है।

सीबीआई जांच में खुलेगा राज, कई चेहरे होंगे बेनकाब

पूर्णिया। सदर विधायक हत्याकांड की सीबीआई जांच से कई राज खुलेंगे और कई सफेदपोश चेहरे बेनकाब होंगे। जांच में यह राज भी खुलेगा कि आखिर किन परिस्थितियों में रूपम ने यह आत्मघाती कदम उठाया। दूसरी ओर सीबीआई जांच की घोषणा होते ही शहर का राजनीतिक तापक्रम अचानक ही बढ़ गया है।

जानकारी अनुसार विधायक राजकिशोर केसरी हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की सरकार ने घोषणा कर दी है। इस घोषणा के साथ ही इस मामले के रहस्य पर से पर्दा उठने की उम्मीद भी बंध गयी है। इस हत्याकांड ने कई सवालों को जन्म दिया था। इन सवालों का कोई जबाव नहीं मिल पा रहा था। रूपम पाठक, विपिन राय और नवलेश पाठक सहित पुलिस की खामोशी से कई सवाल पैदा हो रहे थे। मसलन जब रूपम पाठक ने यौन शोषण का मामला दर्ज करवाया था तो फिर आखिर किस दबाव में सीजेएम के सामने धारा 164 के बयान में वो क्यों मुकर गयी। यदि उस पर दवाब नहीं था तो आखिर क्यों उसने प्रोटेस्ट पीटिशन कोर्ट में दाखिल किया। यौन शोषण यदि इतने सालों से चल रहा था तो आखिर चार जनवरी को ही विधायक की हत्या क्यों हो गयी। इसका तात्कालिक कारण क्या था। वहीं नवलेश पाठक की गिरफ्तारी ने भी कई सवालों को जन्म दिया। पत्रकार नवलेश को सिर्फ को साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार करने की बात पुलिस कहती रही। लेकिन सिर्फ इसलिए कि वो रूपम पाठक और विधायक के संपर्क में था और उनसे मोबाइल पर बात किया करता था। इस हत्याकांड में कई लोगों के पर्दे के पीछे होने की बात सामने की चर्चा आम जुबान पर रही है। इसमें पूर्णिया से लेकर पटना के बड़े लोगों की चर्चा होती रही है। सीबीआई जांच में इन बातों पर से भी पर्दा उठने की संभावना बनी है। जैसे-जैसे सीबीआई की जांच आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे कई चेहरे पर से नकाब उठने के कयास लगाये जा रहे हैं।

जेल में बंद रूपम पाठक को है इलाज की सख्त जरूरत

पूर्णिया । सदर विधायक राजकिशोर केसरी के हत्या के आरोप में पूर्णिया जेल में बंद रूपम पाठक को इलाज की सख्त जरूरत है। हत्या बाद विधायक आवास पर हुई रूपम की निर्मम पिटाई के क्रम में उसके अंदरूनी अंगों में काफी गंभीर चोटें आई हैं। स्थिति तो इतनी गंभीर है कि रूपम ठीक ढंग से चल भी नहीं पा रही है।

मालूम हो कि चार जनवरी को विधायक की हत्या बाद वहां मौजूद लोगों द्वारा उसकी निर्मम पिटाई कर दी गयी थी। जिसके बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए इलाज के लिए कटिहार मेडिकल कालेज में भर्ती करवाया गया था। जहां से इलाज के बाद उसे सीजेएम के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में पूर्णिया केन्द्रीय कारा भेज दिया गया। वहीं जेल सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मारपीट के क्रम में उसके पेट, छाती सहित अंदरूनी अंगों में काफी चोटें आई हैं। इतना ही नहीं उसके आगे के बाल भी उखाड़ लिए गये हैं तथा चेहरे पर भी कई चोट के निशान हैं। वहीं पैर में जगह जगह जख्म अब भी बने हुए हैं। वहीं रीढ़ की हड्डी में आई चोट के कारण वह ठीक ढंग से सो भी नहीं पा रही है। साथ ही अंदरूनी अंगों में आई चोट के कारण काला ब्लीडिंग होने से उसकी स्थिति गंभीर बतायी जा रही है। रूपम की गंभीर स्थिति की पुष्टि करते हुए भाकपा माले नेत्री माधवी सरकार सहित शुक्रवार को जेल में रूपम से मिलने पहुंची टीम के सभी सदस्यों ने कहा कि अगर जल्द ही उसकी गहन इलाज नहीं हुई तो उसकी मौत भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि वे इस मांग को लेकर डीएम को एक पत्र भी लिखेंगी ताकि इस दिशा में तुरंत पहल हो सके। उधर सिविल सर्जन डा. रामचरित्र मंडल ने कहा कि जेल में बंद रूपम की स्थिति बिल्कुल ठीक है तथा उनका रूटीन चेकअप किया जा रहा है।

शुक्रवार, 7 जनवरी 2011

जेल में सकुन से बीती रूपम की पहली रात

पूर्णिया । विधायक राजकिशोर केशरी की हत्यारोपी रूपम पाठक की जेल में पहली रात खूब सकुन से बीती। सुबह उसके चेहरे में संतोष के भाव थे और उसने महिला मोर्चे के प्रतिनिधियों से भी बात की।

जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार की शाम जेल पहुंची विधायक हत्यारोपी रूपम पाठक ने पहली रात खूब चैन से काटी। उसे जेल के महिला वार्ड में पूरी सुरक्षा के बीच रखा गया है। जेल पहुंचने के बाद उसने किसी से कोई बात नहीं की। गुमसुम रूपम ने रात खाना आराम से खाना भी खाया और पहली रात खूब चैन की नींद ली। सुबह से ही उसके चेहरे पर संतोष का भाव देखा गया। उसके चेहरे पर किसी प्रकार की परेशानी और पछतावे का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं था।

सुबह लगभग दस बजे महिला मोर्चे जुड़ी महिलाएं उनसे मिलने जेल पर पहुंची। लेकिन हाईप्रोफाइल मामले को देखते हुए जेल के अधिकारियों ने महिलाओं को उनसे मिलने नहीं दिया। महिलाओं द्वारा जिलाधिकारी से इस बात की शिकायत की गयी। जिलाधिकारी ने महिलाओं को मुलाकात करने का निर्देश दिया। इसके बाद जब महिलाएं फिर से जेल पहुंची तब भी मुलाकात संभव नहीं हो पायी। इसके बाद फिर जिलाधिकारी से महिलाओं ने शिकायत की तब जाकर डीएम ने जेल अधिकारियों को मुलाकात करवाने का निर्देश दिया। इसके बाद महिला संगठन के प्रतिनिधियों की मुलाकात रूपम से संभव हो पायी। महिला प्रतिनिधियों ने लंबे समय तक रूपम से बातचीत की। इस दौरान क्या-क्या बातें हुई इसका खुलासा नहीं हो सका है।

बुधवार, 5 जनवरी 2011

भाजपा विधायक की चाकू गोद कर हत्या

पूर्णिया। पूर्णिया सदर के भाजपा विधायक राजकिशोर केसरी की मंगलवार सुबह एक स्कूल की संचालिका ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी। हत्या विधायक के सिपाही टोला स्थित आवास पर उस समय की गयी जब वे जनता से मिल रहे थे। इससे आक्रोशित लोगों ने महिला की जमकर धुनाई कर दी। बाद में पुलिस ने उसे घायल अवस्था में कटिहार मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती करवाया।

आरोपी महिला द्वारा विधायक पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। हत्याकांड के विरोध में पूर्णिया में आज बाजार बंद रहा।

जानकारी के अनुसार विधायक अपने आवास पर जनता की समस्याएं सुन रहे थे। सुबह लगभग साढ़े नौ बजे स्थानीय राजहंस पब्लिक स्कूल की संचालिका रूपम पाठक उनके आवास पर पहुंची और अकेले में बात करने की इच्छा जतायी। विधायक निर्धारित स्थल से हटकर बगल में पहुंचकर उससे बात करने लगे। इतने में महिला ने अपनी काली चादर में छुपाकर लाए गये चाकू से विधायक के पेट पर वार कर दिया। चाकू लगते ही विधायक जमीन पर गिर गये। विधायक के गिरते ही उनके गार्ड और उपस्थित लोग दौड़े और महिला को पकड़ लिया। विधायक को उनकी स्कार्पियो में लाद कर सदर अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सा के दौरान उनकी मौत हो गयी।

घटना की खबर मिलते ही विधायक के आवास और अस्पताल में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। विधायक पर हमला करने वाली महिला को जब पुलिस अपने कब्जे में ले रही थी, उसी वक्त आक्रोशित लोगों ने उसपर हमला कर दिया। इस हमले में महिला बुरी तरह जख्मी हो गयी। बाद में पुलिस ने उसे गंभीर हालत में कटिहार मेडिकल कालेज में भर्ती कराया।

घटना के संबंध में आरोपी महिला का बयान दर्ज किए जाने व अनुसंधान पूरा होने तक कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन आरोपी महिला ने करीब सात महीने पूर्व विधायक एवं उनके सहयोगी के खिलाफ यौन-शोषण का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में उसने अपने आरोप को न्यायालय में वापस ले लिया था, लेकिन इसके बाद फिर से उसने न्यायालय में विरोध पत्र दायर कर कहा कि अभियुक्तों के दवाब में उसने पूर्व में ऐसा किया था। इस मामले में न्यायालय ने उपस्थिति की तारीख ख्भ् मार्च निर्धारित की। इस हत्याकांड को पूर्व के विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। घटना के पीछे किसी साजिश की भी चर्चा है। आरक्षी अधीक्षक नैयर हसनैन खां ने बताया कि पुलिस हर बिंदु पर अनुसंधान कर रही है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार जब्त कर लिया है। आरोपी महिला को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। विधायक की हत्या से शहर में शोक की लहर है।

पूर्णिया ने खो दिया अपना हरदिल अजीज बेटा

कुंदन, पूर्णिया। पूर्णिया ने विधायक केशरी के रूप में खो दिया अपना हरदिल अजीज बेटा। समाज के हर वर्ग के लिए जीने मरने वाले इस हर दिल अजीज शख्स की मौत का गम हर किसी के चेहरे पर साफ दिख रहा था। अंतिम शव यात्रा में समाज के हर वर्ग की भागीदारी और उनके आंखों से टपकते आंसू बता रहे थे उन्होंने क्या खो दिया है।

मधुबनी स्थित पैतृक आवास पर बुधवार को विधायक के अंतिम दर्शन को समाज का हर वर्ग पहुंचा। उनके दर्शन को यदि चीथड़ों में लिपटी सिपाही टोला की बूढ़ी सुगिया देवी पहुंची थी तो गुलाबबाग के बड़े धन्नासेठ भी पहुंचे थे। सुगिया और उसके साथ आयी महिलाओं की आंखों से टपकते आंसू यह बता रहे थे कि उन्होंने अपना हितैषी खो दिया। यह वही केशरी थे जो उनके दुख-सुख में साथ रहते थे। अंतिम दर्शन को पहुंचे मधुबनी के दिनकर साह ने बचपन के अपने मित्र को खो दिया। उनके आंखों से निकलते आंसुओं की अविरल धारा उनके दिल को पहुंची ठेस की कहानी कह रहे थे। यह वही विधायक थे जिसके साथ उनका बचपन बीता। जिसके साथ उन्होंने अपनी जिंदगी के खट्टे-मिट्टे अनुभव बांटे थे। गुलाबबाग से पहुंचे दर्जन भर बड़े व्यवसायियों के चेहरे पर तनाव की लकीरें बता रही थी कि उन्होंने अपना संरक्षक खो दिया है।